नर्सो के हड़ताल पर रहने से स्वास्थ्य सेवाएं हुई प्रभावित, प्रशिक्षु नर्सिग छात्राओं ने संभाली जि मेदारी सामान्य प्रसव के बाद हुई महिला की मौत, परिजनों ने लापरवाही का लगाया आरोप खुले आसमान के नीचे 52 हजार मेट्रिक टन धान बारिश में भीगकर हुई अंकुरित,जवाबदार झाड़ रहे पल्ला डॉक्टरों के साथ प्रशिक्षु नर्सिग छात्राओं ने संभाली जि मेदारी बालाघाट। प्रदेश सहित जिले भर में पदस्थ नर्सो से अपनी १२ सूत्रीय मांगों को लेकर १ जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है । नर्सो के हड़ताल पर रहने से इसका असर स्वास्थ्य सुविधाओं पर पड़ा है। इस दौरान जिला अस्पताल में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही प्रशिक्षु नर्सिग छात्राओं ने डॉक्टर के साथ मरीजों के उपचार और देख भाल की जि मेदारी संभाली। हड़ताल में बैठी नर्सो ने कहा कि सरकार जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं करती हम काम पर नहीं लौटेंगे। इस हड़ताल में जिला अस्पताल व सिविल अस्पताल समेत सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में पदस्थ नर्से शामिल रही। 2 बालाघाट। जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर स्थित गायनिक वार्ड में एक महिला की सामान्य प्रसव होने के बाद मौत हो गई। जिससे महिला के परिजनों ने डॉक्टरों पर उपचार में लापरवाही करने का आरोप लगाते हुये आक्रोश जताया। प्रसूता महिला वारासिवनी क्षेत्र के ग्राम कोस्ते निवासी माया पति एवन हिवारे है। मृतिका के परिजनों ने इस मामले की जांच कर उचित कार्यवाही किए जाने प्रशासन से गुहार लगाई है। 3 कोरोना से मृत हुये व्यक्ति के परिजनों को ४ लाख रूपये मुआवजा देने की घोषणा केन्द्र सरकार द्वारा किए जाने और गृह मंत्रालय से आदेश जारी होने के बाद घोषणा वापस लेने पर कांग्रेस उपाध्यक्ष शेषराम राहंगडाले द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी। जिससे हाई कोर्ट द्वारा कोरोना से मृतकों के परिवार को ४ लाख रूपये मुआवजा देने आदेशित किया है। 6 सप्ताह के अंदर राज्य शासन को मुआवजा के लिये आदेशित करने कहा गया है। यह जानकारी कांग्रेस उपाध्यक्ष शेषराम राहंगडाले ने कांग्रेस कार्यालय में गुरूवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान दी। उन्होंने बताया गया कि सरकार द्वारा छिपाए जा रहे कोरोना से मृत हुये लोगों के आंकड़े व कोरोना से मृत हुये लोगों के मृत्यु प्रमाणपत्र में कोरोना से मृत होना लिखे जाने को लेकर भी हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। 4 बालाघाट। गत वर्ष शासन द्वारा किसानो की फसलो को खरीदा गया था। लेकिन बोरो से भरे धानो की मिलिंग नही होनेे से मंडी और सोसायटियो मे त्रिपाल ढककर रख दिया गया था। जो जून माह मे हुई बारिश मे भींगकरअंकुरित हो गई और सिर्फ त्रिपाल के सहारे खुले में रखी गई धान को सुरक्षित बताना अब जिम्मेंदारो की लापरवाही को उजागर कर रहा है। खुले में रखी ५२ हजार क्विंटल धान बारिश के कारण भीग गई और अंकुरित हो गई। जहां अंकुरित धान से पौधे भी बोरियों से बाहर झलक रहे है। जो बद.इंतजामी का परिणाम है। दरअसल यह मामला जिला मुख्यालय से निकटस्थ गोंगलई कृषि मंडी के अलावा जिले मे बनाए गए धान भंडारण कैप का है। जहां रखी धान अंकुरित होकर खराब हो गई है। जब इस संबध में जिम्मेंदारो से जवाब मांगा गया तो उन्होने कुछ कहने से साफ इंकार कर दिया और अपने कर्तव्य से पल्ला झाड दिया। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि बारिश में भीगने से खराब हो चुकी धान व उससे होने वाले नुकसान की भरपाई कौन करेगा। क्या इस मामले में जिम्मेंदारो पर गाज गिरेगी या फिर सरकार इस नुकसानी को अपनी जिम्मेंदारी पर लेगी। 5 जंगलों में मिट्टी के कटाव को रोकने बनाये जा रहे चेक डेम बालाघाट। विकास से अछूते बालाघाट जिले में कोने कोने से सडक मार्गो को लेकर शिकायते आती रहती है। जिसका निराकरण सरकार और जिला प्रशासन द्वारा समय रहते नही करवाया जा रहा है। कठिन प्रयासो के बाद सडक निर्माण कार्य होते है और उस कार्य को गति मिलती है। लेकिन आजादी के वर्षो बाद भी ऐसे कई गांव है जहां तक पहुंचने के लिये पक्की सडक नही है। काम चलाने के लिये कच्चे मार्ग बना दिये गये लेकिन वे भी अब अपना अस्तित्व खो रहे है। वर्तमान में बारिश का दौर प्रारंभ हो चुका है और बारिश में मिट्टी के कटाव से कई कच्चे मार्ग कट जाते है और उस मार्ग से आवागमन अवरूद्ध हो जाता है। आवश्यक्ता है कि जंगलो से बसे गांवो तक पहुंचने लिये सरकार पक्की सडक का निर्माण कार्य करवायें लेकिन कई नियम कायदे, मार्ग के निर्माण कार्य में रोडा बन जाते है। अब इन परिस्थितियों में मिट्टी के कटाव से कट चुके मार्गो को दुरस्थ करने एवं मार्ग का भविष्य में कटाव से रोकने के लिये वन विभाग भरकस प्रयास कर रहा है। 6 बिरसा के वार्ड नम्बर 21 में पुराना प्राथमिक पाठशाला के पास स्थित पानी के लिए निकासी हेतु बनाई गई नाली इन दिनों वार्ड वासियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है।प्राप्त जानकारी अनुसार बिरसा के वार्ड नम्बर २१ में इन दिनों सही ढंग से पानी की निकासी नही होने से वार्ड वासियो को खासा परेशानी उठानी पड़ रही है।वजह है जो नाली पानी की निकासी हेतु बनाई गई है उसी नाली से पानी को क्रासिंग के लिए सड़क पर पतला पाइप डालकर क्रासिंग किया गया है जो बारिश के समय पर चोक हो जाता है जिससे वार्ड वासियो को दुर्गंध भरी सड़न के साथ रहना पड़ता है जिससे अनेक मौसमी बीमारियों का फैलने का खतरा बना रहता है।वार्ड वासियो ने नगर परिषद के सीएमओ से मांग किया है कि पाइप की जगह लोहे की जाली लगाकर कंक्रीट कर दिया जाय तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।वही इस मामले