1 बालाघाट के चिन्नौर चावल को मिला जीआई टैग, किसानों को होगा फायदा , गौरीशंकर बिसेन ने कहा जीआई टैग मिलने के बाद चिन्नौर का रकबा बढाने को होगा प्रयास 2 एक्टिवा के अंदर घुसा सांप, लोगों का लगा जमावड़ा, वनकर्मियों ने निकाला बाहर 3 हाथियों की हुई जमकर खातिरदारी, कान्हा टाईगर रिजर्व के जंगल में पिकनिक मना रहे गजराज 1 प्रदेश के बालाघाट जिले में होने वाली चिन्नौर प्रजाति की धान को जीआई टैग मिल गया है. इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भी दी है. इस उपलब्धि से अब प्रदेश के आदिवासी बहुल बालाघाट जिले को भी एक नई पहचान मिलेगी. जबकि जिले में उत्पादित होने वाले अन्य सुगंधित चावलों की भी बाजार में बिक्री में उछाल आएगा. इस संबंध में पूर्व कृषि मंत्री और पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन ने कहा कि लंबे संघर्ष के बाद न्यायालय के लड़ाई से बालाघाट के चिनौर धान को जी आई टैग का तमगा मिला है. यह बालाघाट ही नहीं बल्कि जिले के किसानों के लिए बड़ी उपलब्धि है. इससे किसानों को फसल का अच्छा दाम मिलेगा. चिनौर की अच्छी क्वालिटी के अनुसार दर तय करने में उसे मौका मिलेगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे बाजार दिलाने का प्रयास होगा. जिससे यहां के किसानों को अधिकाधिक लाभ होगा. 2 शहर के कालीपुतली चौक के पास एक रेस्टारेन्ट संचालक की एक्टिवा बाईक के हैडलाईट वाले भाग के अंदर सांप घुस जाने से हड़कंप मच गया ..उसे बाहर निकालने काफी मशक्कत करनी पड़ी.. इस मंजर को देखने काफी संख्या में लोगों को जमावड़ा लग गया। बाईक सुधारने वाले मैकेनिकों द्वारा बाईक के पार्टस को खोलकर सांप को बाहर निकालने का प्रयास किया गया लेकिन सांप बाहर नहीं निकल पाया जिसके बाद वन विभाग को सूचना दी गई... सूचना मिलने पर वन विभाग की सांप पकडने वाली टीम ने पहुंच सांप को पकड़कर बाहर निकाला, लेकिन बाहर निकलने के बाद पकड़ में नहीं आया और भाग निकला । 3 देश विदेश में प्रख्यात कान्हा नेशनल पार्क में इन दिनों पिकनिक पार्टी मनाई गई और पार्टी इंसानो की नही, बल्कि गश्ती के लिए प्रशिक्षित किये गए हाथियों की मनाई गई। पिकनिक ऐसी कि वहाँ का नजारा देखकर दिल खुश हो गया। कान्हा टाईगर रिजर्व के जंगल में हाथियो और उनके महावत की यह सामूहिक पार्टी रिजुविनेशन केम्प के तहत मनाई गई। जिसमें हाथियों और उनके महावतो की खूब खातिरदारी की गई और विभागीय टीम उनकी सेवा में जुटा रहा। आपको बता दे, कान्हा टायगर रिजर्व में विभागीय हाथियों के प्रबंधन का इतिहास रहा है। वर्तमान में यहाँ 18 हाथी है। इनमें से कुछ हाथियो की पैदाइश कान्हा राष्ट्रीय उद्यान में ही हुई है। जहां शुरु से ही इनका उपयोग जंगल की गश्ती और वन्यप्राणियो की सुरक्षा और उनकी देखरेख के लिए किया जाता रहा है। लेकिन कालान्तर में इनका उपयोग पर्यटन प्रबंधन में भी किया जाने लगा है। जब कान्हा नेशनल पार्क में घूमने आये सैलालियों को बाघ का दिदार नही होता तब उन्हे इच्छानुसार हाथियों की सवारी करवाई जाती है। ऐंलिफेंट बॉथिंग का भी दीदार करवाया जाता है... 4 केन्द्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानून को वापस लेने की मांग को लेकर पंजाब से किसान आंदोलन की अगुवाही कर आंदोलन को मजबूती के साथ देश भर मे अपने दूसरे साथियों के साथ ले जाने वाले किसान युनियन पंजाब के अध्यक्ष बलदेव सिरसा का आज बालाघाट पहुंचे जहां सर्किट हाऊस में उन्होने पत्रकारों से चर्चा की...उन्होने कहा कि किसानों के आंदोलन को एक साल हो गया है लेकिन केन्द्र सरकार किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दे रही । उन्होंने कहा कि जब तक तीनों कृषि कानून वापस नहीं लिया जाते और किसानों की फसलों को समर्थन मूल्य पर खरीदने की गांरटी नहीं मिलती... तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा। इस दौरान सिरसा पंजाब से ही पहुंचे गुरूतेज सिंग, अमरदीप सिंग सहित किसान गर्जना जिलाध्यक्ष अरविंद चौधरी मौजूद रहे। 5 असम राज्य के मुसलमानों पर हो रही बर्बरता रोकने की मांग को लेकर एआईएमआईएम पार्टी के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति के नाम कलेक्ट्रेट पहुंच ज्ञापन सौंपा। इस दौरान पार्टी के पदाधिकारियों ने बताया कि असम राज्य के मुसलमानों को पुलिस द्वारा सरेआम बंदूक की गोलियों से मार दिया गया। असम सरकार एवं प्रशासन द्वारा मुसलमानों को मार उनके मकानों में आग लगा दिया जाता है, ये कैसा लोकतंत्र है। उन्होंने राष्ट्रपति से मांग की है कि असम के मामले को संज्ञान में लेकर असम शासन-प्रशासन पर उचित कार्यवाही करें व इस बर्बरता को शीघ्र रोका जाए, नहीं तो एआईएमआईएम पार्टी पूरे भारत भर में आंदोलन करने बाध्य होगी। 6 सोमवार को कृषि साख सहकारी समिति चरेगांव में वार्षिक आमसभा रखी गई। वार्षिक आमसभा में आय-व्यय का विवरण किसानों को सुनाया गया,जिसमें कृषि साख सहकारी समिति चरेगाँव में २०२०-२१ में धान खरीदी की गई, समिति के माध्यम से किसी प्रकार से कोई नुकसान नहीं हुआ है ना ही बारिश आई, लेकिन धान खरीदी प्रभारी मूलचंद रजक सहायक प्रबंधक समिति चरेगांव के द्वारा आय-व्यय व लाभ-हानि में 481 क्विंटल घाटा बताया गया, जिसे किसानों ने स्वीकार किया और घाटा होने का खरीदी प्रभारी से कारण पूछा गया तो खरीदी प्रभारी द्वारा किसानों के समक्ष कोई जवाब नहीं दिया गया। जिसके बाद किसानों ने धान खरीदी प्रभारी पर आरोप लगाया है कि राशि खरीदी प्रभारी द्वारा गबन कर ली गई है।