मधयप्रदेश के जैन तीर्थ कुंडलपुर में आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तीसरे दिन शुक्रवार को भगवान आदिनाथ का जन्मोत्सव मनाया गया। भगवान का जन्मोत्सव देखने एक लाख से अधिक लोग कुंडलपुर पहुंचे। मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी महोत्सव में पहुंचकर आचार्यश्री विद्यासागर जी महाराज के दर्शन किये एवं उनका आशीर्वाद लिया। शुक्रवार सुबह 7.30 बजे जैसे ही प्रतिष्ठाचार्य विनय भैया ने माता मरूदेवी की कोख से बालक आदिकुमार के जन्म की घोषणा की, पूरा पांडाल भगवान के जयकारों से गूंजने गया। अनेक तरह के वाद्य बजाकर भगवान के जन्मोत्सव की खुशियां मनाई गईं। जन्मोत्सव के पांडाल में 40 हजार से अधिक लोग उपस्थित थे। सौधर्म इन्द्र और रानी शची ऐरावत हाथी पर बालक तीर्थंकर को बिठाकर विशाल जुलूस के साथ सुमेरू पर्वत स्थित पांडुक शिला पर पहुंचे, जहां बालक तीर्थंकर को बिठाकर 1008 कलशों से अभिषेक किया गया। भगवान का अभिषेक करने भक्तों की कतार लग गई थी। इस अवसर पर आचार्यश्री के शिष्य मुनिश्री प्रशस्त सागर जी महाराज ने प्रवचन में कहा कि तीर्थंकर भगवान के जन्म ने मानवता को आत्म कल्याण का मार्ग मिला है।