1 आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की कानूनी मान्यता मिलने के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के द्वारा ११ दिस बर को संपूर्ण देश में एक दिवसीय हड़ताल किया गया। निजी अस्पतालों व क्लिनिकों के डॉक्टरों द्वारा सुबह ७ बजे से शाम ६ बजे तक ओपीडी बंद रखा गया। डॉक्टरों द्वारा इमरजेंसी मरीजों की ही जांच कर उनका उपचार किया गया। डॉक्टरों की हड़ताल रहने से मरीजों को निजी क्लिनिकों मेें ईलाज के लिये परेशान होना पड़ा। आईएमए की जिलाध्यक्ष डॉ. अनिता पाराशर ने कहा कि सरकार द्वारा आयुष डॉक्टरों को सर्जरी करने देने की अनुमति दी गई है जिससे मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो आगामी दिनों में उग्र आंदोलन किया जाएंगा। 2 जिले के बैहर, परसवाड़ा और बिरसा तहसील के घने जंगलों में बसे दो दर्जन गांवों में आदिवासियों द्वारा आज भी सदियों पुरानी परंपराओं का निर्वहन करते आ रहे है। उनके लिए खजूर यानी छिंद की झाडू आजीविका का साधन बनी हुई है। इसके लिए वे खुद हाथ में टंगिया लेकर जंगल से खजूर के पेड़से डाल लाकर पूरे परिवार समेत साल भर अपनी जीविका चलाते है। एक दिन में १० झाडू तैयार जाती है और आदिवासियों द्वारा तैयार की हुई झाड़ू साढ़े पांच से छह रुपये तक हाथों हाथ घर बैठे बिक रही है। आमगांव पंचायत के वनग्राम खारा की रहने वाली आदिवासी महिला सुनीता अड़मे बताती है कि उसने बीए फाइनल तक पढ़ाई की है। उनके गांव में पूरे आदिवासी रोजगार के अभाव में बारिश के चार माह छोड़कर जंगल से खजूर के पेड़ से डाली लाते है और उसके बाद खजूर की डाली को सुखाकर पूरे परिवार सहित झाडू तैयार करते है। यह परंपरा पीढ़ी दर पीढ़ी से चले आ रही है। इस काम को महिलाओं द्वारा ज्यादा किया जा जाता है। एक लोग एक दिन में १० झाडू बना लेते है। यहां की झाडू लेने के लिए व्यापारी खुद गांव में आकर ले जाते है, इससे उनके घर की जीविका चलते रहती है। 3 वन क्षेत्रो से बालाघाट जिले में लाख की खेती और इसको लेकर व्यवसाय की संभावना बढने की खासी उम्मीद है, बशर्ते लाख के उत्पादन को बढाने के लिये किसानो को ना सिर्फ जागरूक करने की आवश्यक्ता है बल्कि शासन प्रशासन के द्वारा लाख उत्पादन करने वाले किसानो को वाजिब दाम मुहैया कराने के लिये खासी जरूरत है। ताकि लाख उत्पादन को लेकर किसान रकबा बढाने के साथ साथ प्रोत्साहित भी हो सकें। लाख उत्पादन से लेकर इससे रोजगार की संभावनाओं को टटोलने के लिये खुद जिला उद्योग के महाप्रबंधक और संयुक्त संचालक जबलपुर अखिल चौरसिया ने बिते दिनो खेत में जाकर लाख उत्पादन से लेकर इसकी सभी प्रक्रिया को जानी और अधिक से अधिक समय तक इस उत्पादन के जरिये ग्रामीणो को रोजगार उपलब्ध कराया जायें, इस बाबद किसानो को जानकारी दी। 4 बालाघाट जिले की विभिन्न सहकारी समतियों के माध्यम से किसानो से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी प्रारंभ हो चुकी है। इस दौरान समितियों के केंद्र प्रभारियों के द्वारा विभिन्न समस्याओं से भी जुझना पड रहा है। हालाकि प्रभारी केद्रो के विरूद्ध आरोप प्रत्यारोंप तो लग ही रहे है लेकिन जब जानकारी ली गई तो उन्हे समस्याओं से भी जूझना पड रहा है। जानकारी के अनुसार आदिवासी तहसील बैहर के विभिन्न आदिम जाति सेवा सहकारी समितियों के माध्यम से किसानो से जो धान खरीदी की जा रही हैए वहां पर उस क्षेत्र के किसानो की आवक कम हो रही हैए किंतु जो खरीदी की जा रही हैए उसके बारदाने घटिया और सडे गले मिल रहे है। जिससे बारदानो में धान सुरक्षित नही हो रहे है। इसी तरह की जानकारी उकवा क्षेत्र के आदिम जाति सेवा सहकारी समिति सोनपुरीए उकवाए बिठलीए सोनगुड्डा सहित अनेक खरीदी केंद्रो पर देखने को मिली। 5 किरनापुर में शासकीय संपत्ति अगर अपनी ही दुर्दशा पर आंसू बहाए तो प्रशासन के सामने उसमें सुधार करना एक चुनौती होता है, लेकिन अगर बदहाली विगत ०३ सालों से हो और शासकीय संपत्ति को नुकसान पंहुचाया जा रहा हो तो इस बारे में इसके लिए जिम्मेदार लोगों और अधिकारियों पर सरकारी संपत्ति को नुकसान पंहुचाने का मामला दर्ज किया जाना चाहिए लेकिन लचर व्यवस्था के कारण ऐसा हो नहीं पाता है।किरनापुर तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम कोसमारा में भी कुछ ऐसे ही हालात है, इस ग्राम में अधिकारी पंहुचते है या नहीं यह तो प्रशासन ही जाने लेकिन विगत ०३ सालों से सरकारी शौचालय यहां बदहाली की मार झेल रहा है छत बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई तो वहीं कमोड भी टूट-फूट गए है या कुछ कमोड नदारद है और तो और सबसे बड़ी बात इन शौचालयों में दरवाजे नहीं है, ऐसे में इस दुर्दशा का जिम्मेदार कौन है प्रशासन इस बात की सुध क्यों नहीं लेता और क्यों नहीं ऐसी बदहाली के जिम्मेदार लोगों पर कार्यवाही की जाती 6 लांजी तहसील मुख्यालय अंतर्गत ग्राम टेडवा में किसान के खेत में रखी खरी में आग लगने की घटना प्रकाश में आयी है, खेत में यह आग कैसे लगी यह पता नहीं चल पाया है लेकिन ग्रामीणों की सूझबूझ से यह आग बुझाई गई। इस संबंध में प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम टेडवा निवासी डिलेश नाकतोड़े नामक किसान के ०५ एकड़ कृषि भूमि में रखी धान की ०२ खरी पूरी तरह जलकर खाक हो गई जबकि तीसरी खरी आग की चपेट में आयी लेकिन ग्रामीणों की मदद से उस आग पर काबू पाया जा सका। किसान को खरी जलने से आर्थिक नुकसान हुआ है। 7 मध्यप्रदेश में युवा कांग्रेस के पदाधिकारियों के चयन को लेकर प्रदेश के पांच पदों के लिये ११ दिस बर को ऑनलाईन मतदान प्रक्रिया संपन्न हुई। जिसमें युवा कांग्रेस के सक्रिय सदस्यों द्वारा युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष, जिला कमेटी में जिलाध्यक्ष के अलावा महासचिव, विधानसभा अध्यक्ष, सचिव के लिये मतदान किया गया। जिले से ५४ प्रतिशत मतदान हुआ। मतदान प्रक्रिया सुबह ७ बजे से शाम ४ बजे तक ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत संपन्न हुई। इस संबंध में जिला युवा कांग्रेस के अध्यक्ष रिकाब मिश्रा ने बताया कि नेता चनो नेता बनो की मुहिम तहत चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराई गई। चुनाव में विजेता अ यर्थियों की घोषणा १४ दिस बर को की जावेगी। जिले से युवा कांग्रेस अध्यक्ष के लिये तीन अ यर्थी चुनाव मैदान में थे। 8 तिरोड़ी-तिरोड़ी नगर में दिनदहाड़े स्टाफ क्वाटर वार्ड नं.8 के समीप लगे जंगलों से अकेला हिरण का बच्चा घरो के निकट आ गया घटना दिनांक 10 दिसम्बर की है जब ये नागरिकों की दृष्टी में आया तब काफी हद तक घायल अवस्था में था इसके नाक अथवा मुँह से खून निकल रहा था संभवतः कुत्तों या किसी जंगली जानवर का शिकार बनते बनते बचा हो नागरिकों की माने तो ये घटना आम होती जा रही है जब जंगली जानवर अपने रहवास को छोड़कर नगरो और ग्रामो के निकट आ जाते है जंगलो की अंधाधुंध कटाई तथा जंगलों के समीप बस्तियों का बचना इसका प्रमुख कारण है बहरहाल इस हिरण के बच्चे का संभव उपचार कर वन विभाग के कर्मियों के सुपुर्द कर दिया गया तथा उनके द्वारा हिरण के बच्चें को उसके सही स्थान जंगल मे छोड़ दिया गया ।