जिले में लगातार बढ़ रही कोरोना की रफ्तार को देखते हुये रविवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय में आपदा प्रबंधन समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें कोरोना के बढ़ते आंकड़े को देखते हुये १२ अप्रैल से २२ अप्रैल तक जिले में संपूर्ण लॉकडाउन लगाने का निर्णय लिया गया है। लॉकडाउन सतत जारी रहेगा इस दौरान अति आवश्यक सेवाएं प्रारंभ रहेगी। ज्ञात हो कि इसके पूर्व प्रदेश सरकार के द्वारा जिले में शुक्रवार की शाम ६ बजे से सोमवार की सुबह ६ बजे तक लॉकडाउन की घोषणा की गई थी जिसे बढ़ाकर २२ अप्रैल तक कर दिया गया है। इस संबंध में मंत्री रामकिशोर कावरे ने बताया कि कोरोना को देखते हुए २२ अप्रैल तक लॉकडाउन किया गया है प्रदेश में तेजी से ब?ते कोरोना महामारी संक्रमण के चलते मरीजों की संख्या निरंतर ब?ती जा रही हैए जिसका असर जिले में भी नजर आ रहा हैए जिले में भी तेजी से कोरोना संक्रमण की दर ब?ने लगी है और रोजाना ही 100 से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैए जहां गत 9 अप्रैल को 112 मरीज कोरोना पॉजिटिव मिले थेए वहीं 10 अप्रैल को 102 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिले हैए जिनके उपचार को लेकर अस्पताल में बेड और ऑक्सीजन की कमी के साथ ही भर्ती कराने में समस्या आ रही हैए इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक्टिव मरीजों में लगभग 70 प्रतिशत मरीज होम आईसोलेशन में है। वर्षो से देश भर के गरीब मजदूरए मजदूरी के लिये इधर से उधर पलायन करते आ रहे है जो यह सिलसिला अनवरत जारी है। देश के प्रत्येक राज्यो में विभिन्न राजनैतिक दलो की अपनी अपनी सरकारे है लेकिन कोई भी यह मानने को तैयार नही कि उनके प्रदेश से किसी भी जिले से रोजी रोटी के लिये कोई मजदूर बाहर पलायन कर रहा है। लेकिन एक बार फिर लॉकडाउन लगते ही परिस्थिति के डर से जिस प्रकार मजदूर वापस लौटकर घर आ रहे है उससे साफ हो चुका है कि देश में रोजगार धंधे व मजदूरो की क्या स्थिति है। बालाघाट जिले के भी हालात किसी से छिपी हुई नही हैए यहां भी वनांचल क्षेत्रो के लोग मजदूरी करने बाहर पलायन कर जाते है। लेकिन अब बारी आ चुकी है कि जिले की वास्तविकता को उसके मुकाम तक पहुचाने की। इस समय देश कोरोना वायरस की समस्या से जुझ रहा है, लेकिन वायरस से बचने के लिए दो दिनो का लॉक डाउन लगाया गया था। हालाकि शहर का लॉक डाउन दूसरा दिन बीतने के बाद जिला प्रशासन के द्वारा आपदा समिति की बैठक में १२ अप्रैल से २२ अप्रैल तक फिर से लॉक डाउन लगा दिया गया। जबकि दो दिनो के लाकडाउन के बाद भी जिले मे कोरोना वायरस के केसो की स्थिति चिंताजन रही है। जिसके चलते लाकडाउन लगाया गया है। हालांकि रविवार को भी शहर की सडक़ों पर कहीं सन्नाटा पसरा दिखा तो कहीं पर बड़े बड़े वाहनो का आवागमन शुरू रहा ओर राहगीरो का आना जाना नजर आया। इससे यह माना जा रहा है कि एक ओर मप्र के मुख्यमंत्री और जिला प्रशासन कोरोना के आकड़ो को कम करने की बात कह रहा है मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डा मनोज पांडेय ने बताया कि इस प्रकार बालाघाट जिले में १० अप्रैल २०२१ तक कुल ४०२० कोरोना पाजेटिव पाए गए हैं। इनमें से ३५१४ मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। १० अप्रैल को ३७ मरीजों के ठीक होने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया है. जिले मे अब तक १९ मरीजों की मृत्यु हो चुकी है। कोरोना पाजेटिव ४८७ मरीजों में से ३७७ मरीजों को होम आईसोलेशन में रखा गया है, ७० मरीजों को अस्पताल के आईसोलेशन बेड पर रखा गया है, २७ मरीजों को आक्सीजन सप्लाई वाले बेड पर रखा गया है और १३ मरीजों को आईसीयू में रखा गया है। बालाघाट जिले में १० अप्रैल २०२१ तक कोरोना टेस्ट के लिए ९५३८९ सेंपल लिए जा चुके हैं। नगर पालिका परिषद बालाघाट में कार्यरत मोनू ब्रोनाफर कि कल दिनांक १० अप्रैल २०२१ को कोरोना से मृत्यु हुई जिसकी मृत्यु होने की सूचना मध्य प्रदेश शासन के पूर्व कृषि मंत्री एवं वर्तमान विधायक गौरीशंकर बिसेन को जानकारी होने पर अपने प्रतिनिधि सुरजीत सिंह ठाकुर को मोनू बनाफर के घर पहुंचाया गया । कोरोना योद्धा मोनू बनाफर को कोविड-१९ के नियमों के तहत उसका अंतिम संस्कार किया गया। विधायक श्री बिसेन द्वारा नगर पालिका परिषद बालाघाट के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को निर्देशित किया गया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चलाई जा रही ,"कोविड-१९ योद्धा कल्याण योजना" के तहत परिवार को ५० लाख रुपए का लाभ दिलाने,सहायता राशि प्रदान कर परिवार के एक सदस्य को नगर पालिका में नौकरी देने की व्यवस्था की जाये।