मुख्यमंत्री के गृह जिले में माँ नर्मदा हॉस्पिटल ने कोरोना महामंत्री के दौरान जमकर की मनमानी मरीजों के परिजन ने माँ नर्मदा हॉस्पिटल पर लगाए गंभीर आरोप । आखिर कौन दे रहा माँ नर्मदा हॉस्पिटल को संरक्षण ? मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले सीहोर में कोरोना महामारी के दौरान मरीजों के परिजन को जमकर लूटने वाले माँ नर्मदा अस्पताल की लगातार शिकायत के बाद भी प्रशासन की आंख नही खुल रही है। माँ नर्मदा हॉस्पिटल का एक और नया मामला सामने आया है। शिकायतकर्ता सुनीता गुप्ता ने बताया कि मेरे पिताजी हीरालाल गुप्ता को बस स्टैंड स्थित माँ नर्मदा हास्पिटल में भर्ती कराया गया था, उस समय वह कोरोना संक्रमित होने के साथ ही चल-फिर रहे थे, उनका आक्सीजन लेबल भी 97 था, लेकिन हास्पिटल ने उन्हें बिल बढ़ाने के चक्कर में आईसीयू में भर्ती करा दिया। जबकि उन्हें उस समय आक्सीजन की जरूरत नहीं थी। 26 अप्रैल की सुबह 11 बजे हास्पिटल की लापरवाही की वजह से उनकी मौत हो गई। अब अस्पताल द्वारा मृत्यु प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज देने से मना कर दिया गया। शिकायतकरता ने बताया की नर्मदा हास्पिटल में कोई भी एमबीबीएस डॉक्टर नहीं है। यहां बीएचएमएस की डिग्रीधारी डॉक्टर पूरे समय इलाज करते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी हास्पिटल का पंजीयन निरस्त कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, लेकिन दो माह से सीएमएचओ कार्यालय व कलेक्ट्रेट के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन मृत्यु प्रमाण पत्र नहीं दिया जा रहा है। इतना ही नहीं जांच के नाम पर लीपापोती कर दी गई, जिससे कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। जबकि अन्य अस्पताल को नोटिस देकर सील कर दिया है। बाईट सूत्रों का कहना है कि माँ नर्मदा हॉस्पिटल पर रसूकदार नेताओं का हाथ है जिससे हॉस्पिटल पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है और नर्मदा हास्पिटल आज भी लोगों की जान से खिलावड़ कर रहा है।