क्षेत्रीय
01-May-2021

1 सहकारिता एवं लोक सेवा प्रबंधन विभाग के मंत्री डॉ. अरविंद सिंह भदौरिया के सामने सत्ता पक्ष और विपक्ष के विधायक टूट पड़े। दरअसल, भदौरिया की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में जिला आपदा प्रबंधन की बैठक बुलाई गई। विधायकों का कहना रहा कि कोरोना के संक्रमण से निपटने के लिये कोई कारगर कदम नहीं उठाये जा रहे हैं। न रेमडेसिविर इंजेक्शन मिल रहे हैं न बेड और न ही ऑक्सीजन। इससे मरीजों की मौत हो रही है। विधायकों ने यह भी कहा कि प्रशासन स्तर पर संक्रमण रोकने कोई रणनीति नहीं बनाई गई है। कई-कई दिनों में रिपोर्ट आ रही हैं, संक्रमित व्यक्ति घूम-घूमकर संक्रमण फैला रहे हैं। 2 जिले में लगातार बढ़ते कोरोना के आंकड़ों और व्यवस्थाओं को लेकर समीक्षा करने पहुंचे प्रभारी मंत्री अरविंद भदौरिया ने सुबह सर्किट हाउस स्थित मीटिंग हॉल में पार्टी कार्यकर्ताओं सहित संगठन पदाधिकारियों की बैठक ली जिले में ताजा हालातों पर इस बैठक में चर्चा हुई आगामी दिनों में किस तरह से कोरोना पर काबू पाए इन तमाम बिंदुओं पर पार्टी कार्यकर्ता और संगठन ने प्रभारी मंत्री को सुझाव दिए ।साथी प्रभारी मंत्री अरविंद भदौरिया ने बताया कि प्रदेश सरकार अब क्राइसिस मैनेजमेंट टीम की विधानसभा स्तर पर भी गठन करने का मन बनाए हुए हैं विधानसभा स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट की टीम में एसडीएम स्तर के अधिकारी जनप्रतिनिधि की अध्यक्षता में कोरोना से किस तरह से हालात पर काबू पाए इस दिशा में काम किया जाएगा... बाइट - अरविंद भदौरिया (प्रभारी मंत्री 3 जबलपुर इस समय कोरोना सक्रमण की आग में जल रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते जिले में कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ हैं । कर्फ्यू के दौरान रविशंकर शुक्ल स्टेडियम में प्रेक्टिस कर रहे खिलाडिय़ों पर पुलिस ने कार्यवाही की है। पुलिस ने लगभग 22 युवा खिलाडिय़ों की मोटरसाइकिल के पहिये की हवा निकाल दी, मोटरसाइकिल की हवा निकलने के बाद खिलाड़ी अपने दो पहिया वाहन पैदल खीचते नजर आए। दरअसल कोरोंना के कारण जबलपुर में कोरोना कर्फ्यू लगा हुआ है और युवा खिलाड़ी स्टेडियम में कई दिनों से प्रेक्टिस करने आ रहै थे। पुलिस को किसी ने सूचना दी कि कोरोना संक्रमण काल मे खिलाड़ी स्टेडियम में प्रेक्टिस कर रहे है। पुलिस को सूचना मिलते ही वो हरकत में आई और स्टेडियम पहुँचकर युवा खिलाडिय़ों की मोटरसाइकिल से हवा निकाली और उनका चालान काटा। पुलिस का कहना है कि खिलाडिय़ों के दो पहिया वाहन से हवा इसलिए निकाली ताकि उन्हें सबक मिले । बाइट- नीरज वर्मा टीआई 4 मध्य प्रदेश में ऑक्सीजन की कमी को दूर करने आज जबलपुर दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस पहुंची। यह ऑक्सीजन एक्सप्रेस स्टील सिटी बोकारो से 864 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए जबलपुर पहुंची यहां के भेड़ाघाट स्टेशन पर दो टैंकर अनलोड किए गए। गौतलबब है कि प्रदेश के लिए आई यह दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस मध्यप्रदेश के साथ ही जबलपुर के लिए वरदान साबित हो रही है क्योंकि इससे पहले भी यह ट्रेन एक टैंकर ऑक्सीजन जबलपुर के लिए लाई थी ऐसे में जिला प्रशासन को ऑक्सीजन आपूर्ति करने के लिए बड़ी राहत उपलब्ध हो रही है। बाइट--राहुल जयपुरियार--सीपीआरओ, पश्चिम मध्य रेलवे 5 जबलपुर पहुंचे प्रभारी मंत्री अरविंद भदौरिया द्वारा आज कोरोना मरीजों के लिए तैयार किए जा रहे कोविड केयर सेंटर का निरीक्षण किया गया। कटंगी बाईपास पर तैयार किए जा रहे इस कोविड केयर सेंटर में एक साथ 500 कोरोना एसिंप्टोमेटिक मरीजों का इलाज संभव हो सकेगा। सेंटर में की जा रही तैयारियों का जायजा आज लिया गया। इस मौके पर प्रभारी मंत्री के साथ सांसद राकेश सिंह बीजेपी विधायक अशोक रोहाणी जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा भी मौजूद रहे। निरीक्षण के दौरान प्रभारी मंत्री अरविंद भदौरिया और सांसद राकेश सिंह ने आवश्यक दिशा निर्देश भी जिला प्रशासन को दिए हैं वही मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रभारी मंत्री जबलपुर की जनता को आश्वासन दिया है कि जल्दी है सेंटर तैयार हो जाएगा जिससे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ज्यादा से ज्यादा मदद हो सकेगी। 6 मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ की कमी और पर्याप्त संसाधन ना होने के चलते 18 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को अभिव्यक्ति नहीं लगाई जाएगी इस दौरान सरकार का पूरा फोकस 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के सेकंड डोज पर रहेगा, यह कारण बताते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने 1 मई से होने वाले वैक्सीनेशन पर रोक लगा दी है,अभी मध्य प्रदेश सरकार ने नए वेक्सीनेशन अभियान को नजरअंदाज कर दिया है लिहाजा कांग्रेस विधायकों ने स्वयं से 18 साल से अधिक उम्र के व्यक्तियों को वैक्सीन लगवाने के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है.......विधायक विनय सक्सेना ने प्रभारी मंत्री अरविंद भदौरिया को सुझाव दिए कि अगर सरकार के पास स्वास्थ्य विभाग का अमला और संसाधन नही है तो हम निजी स्वास्थ्य अमला लगाकर वैक्सीनेशन करवाएंगे कांग्रेस विधायक उसके लिए राशि देने भी तैयार है....... 7 मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी को लेकर सभी पक्षों की बहस सुनने के बाद अपना निर्णय सुरक्षित रखने की व्यवस्था दे दी। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व जस्टिस अतुल श्रीधरन की युगलपीठ के समक्ष लगातार तीसरे दिन इस मामले की सुनवाई हुई। लगातार दो दिन से इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश बाहर आने का इंतजार किया जा रहा है, लेकिन अभी निर्णय सुरक्षित रखा गया है। कोर्ट मित्र एवं वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की कमी बनी हुई है। 8 मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रह चुके जस्टिस संजय कुमार सेठ का शुक्रवार को कोरोना संक्रमण की वजह से निधन हो गया। वे एबी रोड स्थित एक अस्पताल में इलाज करवा रहे थे। 1990 के बाद जस्टिस सेठ ऐसे पहले जज रहे, जो मध्यप्रदेश के मूल निवासी होते हुए यहां के चीफ जस्टिस बने थे। सुप्रीम कोर्ट ने 1990 केे बाद यह व्यवस्था बंद कर दी थी कि कोई जज जिस राज्य का रहने वाला है, उसे वहां का चीफ जस्टिस बनाया जाए। जस्टिस सेठ 14 नवंबर 2018 में कार्यवाहक से स्थायी चीफ जस्टिस बने थे 9 नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में 89.65 लाख रुपए की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 20 बेड का कोविड अस्पताल महज तीन दिन में तैयार हो गया। इसकी खासियत ये है कि इसे कहीं भी शिफ्ट किया जा सकता है। इनफ्लैटेबल स्ट्रक्चर मटेरियल के उपयोग से तैयार इस अस्पताल में कोविड मरीजों की जरूरत संबंधी सभी संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं। जानकारी के अनुसार 20 बेड के इस अस्पताल का निर्माण मेडिकल के स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन भवन की पार्किंग में किया गया है। एसी युक्त अस्पताल में कोविड मरीजों के लिए जरूरी ऑक्सीजन, हाईफ्लो ऑक्सीजन, वेंटिलेटर, पीटी, पीआरओ, ऑक्सीमैक्स, ऑक्सीजन और सक्शन लाइन के साथ साइड लाकर, ड्रिप सेट और हाई कार्डिक टेबल दिया गया है। वहीं 10 सरकार देखिए, गांवों के हालात बिगडऩे लगे हैं। जिस गांव में महीने में 3 से 4 मौतें होती थीं जबलपुर के उस बेलखेड़ा गांव में अप्रैल में 28 चिताएं जलाई जा चुर्कीं हैँ। सरकारी रिकॉर्ड में कोरोना से यहां सिर्फ तीन मौतें दर्ज हैं और 18 संक्रमित। जबकि गांव में अभी भी 56 लोग बुखार-खांसी से ग्रस्त हैं। यह वही गांव है जहां पहली लहर में एक भी केस नहीं था और अब गांव को ही कंटेंनमेंट बनाना पड़ा। 1735 घरों के साथ 7536 की आबादी वाले इस गांव में एक महीने में 28 की मौत हो चुकी है। यानी औसतन हर रोज एक। यहां एक डॉक्टर के संक्रमित होने के बाद गांव में कोरोना ने पांव पसार लिया है। ग्रामीणों के अनुसार बेलखेड़ा पीएचसी के डॉक्टर नीलेश श्रीवास्तव अप्रैल के पहले सप्ताह में संक्रमित हुए थे। तबीयत बिगड़ी तब वे अस्पताल में भर्ती हुए। इससे पहले वह लगातार लोगों का इलाज करते रहे। यह लापरवाही बेलखेड़ा गांव पर भारी पड़ी। वे अब ठीक हो चुके हैं, लेकिन परिवार में बेटा सहित दूसरे लोग संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना संक्रमित कई लोग घर में ही होम आइसोलेट रहकर स्वस्थ हुए, लेकिन सभी के यहां एक दिक्कत थी शौचालय की। कॉमन शौचालय होने के चलते लोगों को परेशानी हुई। कुछ ने पड़ोसियों के शौचालय उपयोग किया तो कुछ बाहर निकल गए।


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