क्षेत्रीय
12-Oct-2021

नगर की बेटी ने अपने दम पर अकेले करीब 5500 किलाे मीटर की यात्रा पूर्ण कर एक साहसिक कार्य किया है। 25 दिन बाद यात्रा पुरी कर सोमवार को लौटने पर नगर में रहवासियों ने पुष्प मालाएं पहना कर स्वागत किया। यह साहसिक कार्य किया है डा मधुसूदन आचार्य की नाती, शिक्षिका माधुरी आचार्य की बेटी व डा नितीन आचार्य की भांजी वसुधा आचार्य ने। वसुधा ने अपनी यात्रा 17 सितंबर को शुरू की थी। 11 अक्टुबर को लौटी वसुधा ने 25 दिनों में लगभग 5500 किलो मीटर की यात्रा पूर्ण की। जिसमें देश के जम्मू कश्मीर, लेह, लददाख जैसी ऊंची व दुर्गम पहाडी क्षेत्रो पर भी पहुंची। पुरी यात्रा वसुधा ने अकेले अपनी बुलेट से पुरी की। वसुधा के साहस व उत्साह को देखते हुए जिस नगर या क्षेत्र से गुजरी वहां पर भी लोगों ने स्वागत कर सम्मान किया। वही पूर्ण सहयोग भी किया। दिक्कतों में परिजनों ने बढाया हौंसला यात्रा के दौरान कई जगहों पर दिक्कतों का सामना भी करना पडा। जिसमें माता माधुरी आचार्य व परिजनों ने हौसला, साहस दिलाते हुए आत्मविश्वास बढाया। वसुधा लददाख के खार डूंगला 17 हजार फीट ऊंची जगह तक गई है। जो दुनिया की सबसे ऊंची जगहों में आती है व आक्सीजन लेबल भी कम रहता है। मार्ग में खडी चढाई भी मिली। माइनस में तापमान भी मिला। वही पहाड धंसने जैसी घटना भी हुई। इस दौरान परिवार का पुरा सहयोग रहा। जिससे अपनी यात्रा पुरी कर पाई।


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