देश प्रदेश की करोड़ों महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए रविवार सुबह से ही करवा चौथ का कठिन व्रत रखा हुआ था, जिसमें खाना और पीना दोनों वर्जित होता है। हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में शुमार करवा चौथ रेहटी में भी बडी उत्साह के साथ मनाया सुहागिन महिलाए एक साथ इकट्ठा हो कर पूजन किया जिसके बाद चाँद निकले पर चाँद की पूजा की सभी महिलाओं ने अपने अपने पतियों का आशीर्वाद ले कर व्रत को खोला हिंदु मान्यता के अनुसार, इस बेहद कठिन व्रत में सुहागिन महिलाएं रविवार सुबह से ही दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं। इस दौरान व्रत रखने वाली सुहागिन महिलाओं के लिए कुछ भी खाना-पीना वर्जित होता है। करवा चौथ के कठिन व्रत के क्रम में सबसे पहले सुहागिन महिलाएं इस दिन सुबह नित्य कर्म कर पूरे मन से व्रत का संकल्प लेती हैं। घर और मंदिर आदि की साफ- सफाई कर ज्योत जलाई जाती है। इसी क्रम में घर में देवी- देवताओं की पूजा- अर्चना भी की जाती है। इस रोज खासतौर से शिव परिवार की पूजा- अर्चना की जाती है। इस क्रम में सबसे पहले महिलाएं भगवान गणेश की पूजा करती हैं। वहीं, किसी भी शुभ काम को शुरू करने के क्रम में भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इसके बाद करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा की जाती है। अंतिम चरण में चंद्र दर्शन के बाद पति को छलनी से देखा जाता है। इसके बाद पति द्वारा पत्नी को पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है