मध्यप्रदेश के सबसे बड़े जैन तीर्थ कुंडलपुर में सोमवार को ध्वजारोहण के साथ कुंडलपुर पंचकल्याणक महोत्सव की शुरुआत हो गई। कुंडलपुर तलहटी स्थित जैन मंदिर से विशाल घटयात्रा प्रारंभ हुईं। हजारों की तादाद में महिलायें मंगल कलश सिर पर लेकर मंगल गीत गाते हुए चल रही थीं। घटयात्रा के साथ लगभग 2000 दिगम्बर जैन प्रतिमाएं भी शामिल थीं। इनमें छोटी प्रतिमाओं को भक्तगण सिर पर रखकर चल रहे थे। आचार्यश्री का विशाल संघ जिसमें लगभग 90 दिगम्बर जैन मुनि और 160 आर्यिका मातायें शामिल थी वे भी आयोजन स्थल के लिये रवाना हुए। महोत्सव के लिये लगभग 400 एकड में अयोध्या नगरी की रचना की गई है। इस अयोध्या नगरी के मध्य विशाल पांडाल बनाया गया है। पांडाल के बाहर शुभ मूहुर्त में प्रतिष्ठाचार्य बाल ब्रह्मचारी विनय भैया ने मंत्रोच्चारण के साथ देव शास्त्र गुरु और ध्वज पूजन शुरु की। आचार्य संघ के विराजमान होते ही भक्तों ने भक्तिभाव से महोत्सव के लिये आचार्य निमंत्रण किया। इसके बाद दानवीर अशोक पाटनी एवं सुशीला पाटनी परिवार ने तालियों की गडगडाहट के साथ 101 फीट के दण्ड पर लगा ध्वज फहराया। इसके साथ ही 24 अन्य ध्वज भी फहराये गये। इस अवसर पर आचार्यश्री विद्यासागर ने कहा कि महोत्सव में लाखों लोग विशुद्ध भाव से भगवान की भक्ति करेंगे।