क्षेत्रीय
24-Mar-2022

कटनी -: कटनी शहर के उपनगरीय थाना एन के जे पुलिस की बीते दिनों कारगुजारी की एक के बाद एक खबर पर बाजार में चर्चा गर्म है । हालांकि जिले के वजीरे आला यानि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने अपने छत्रप यानि दरोगा जी के ऊपर जांच बैठा दी है। अगर इस बात को सही माने तो वाकई यह पुलिस कप्तान का एक सकारात्मक कदम माना जाना चाहिए। बहरहाल जांच के आदेश की चर्चा को अभी 24 घंटे भी नही बीते थे, कि एन के जे पुलिस का एक और बड़ा कारनामा सामने आ गया। रोशन नगर के रहने हरिहर सिंह तकरीबन 30 साल से इस ईलाके में घर बना कर रह रहे हैं और उनके मुताबिक उनके घर के सामने 10 फ़िट की सड़क है जिससे उनका निस्तार होता रहा है लेकिन एन के जे पुलिस की महान कृपा से अब उनके घर का निस्तर बंद हो चुका है। हरिहर सिंह के मुताबिक कुछ दिन पहले विक्की जैन नाम का एक युवक उनके गेट के सामने कंस्ट्रकशन करने की बात करने लगा जिसके बाद काफ़ी वाद विवाद भी हुआ जो स्थानीय लोगों के दखअंदाजी के बाद खत्म हो गया। हरिहर सिंह भी यही मन बैठे कि अब उन्हें राहत मिल गई लेकिन यह उनका मुगलता था। 19 मार्च य्ही वह दिन है जो हरिहर सिंह के लिए मुसीबत बन कर सामने आ गया। विक्की जैन ने अपने पूरे लाव लस्कर के साथ हरिहर सिंह के घर के दरवाजे पर पिलर गड़ाने लगा। उस वक्त घर में उनकी पत्नी और एक बेटा मौजूद थे जिन्होंने निर्माण रोकने की जद्दोजहद शुरू कर दी। विक्की जैन ने आनन फ़ानन में एन के जे थाने को इस बात की सूचना दी जिसके बाद फ़ौरन पुलिस हरकत में आई और माँ – बेटे को गाड़ी में ठूंस कर थाने ले आई। माँ – बेटा निर्माण रोकने के लिए गिड़गिराते रहे लेकिन पुलिस ने बिना किसी मरौअत के दोनों को तकरीबन 5 घंटे तक थाने में बैठा कर रखा। हरिहर सिंह के मुताबिक वे अपनी नौकरी पर थे लेकिन जैसे हीं उन्हें इस बात की जानकारी लगी वे भी मौके पर पहुंच गए। घर के अंदर देखा तो पत्नी और बेटा नदारद थे। उन्होंने आस पास से पता किया तो पता चला कि एन के जे पुलिस दोनों को उठा ले गई है। हरिहर सिंह भागते हुए थाने पहुंचे और उन्होंने अपनी पत्नी और बेटे को थाना लाने की वजह पूछी लेकिन पुलिस तो निर्माण कार्य करवाने का ठेका लिए बैठी थी लिहाजा पुलिस ने साफ़ कर दिया कि निर्माण कार्य नही रोका जा सकता। इस दरम्यान हरिहर सिंह ने तमाम कगजात भी दिखाए और पुलिस की भूमिका पर सवाल भी उठाए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी, दरोगा जी ने अपना वचन पूरा कर दिया था। हरिहर सिंह का निस्तर बंद हो चुका था और विक्की जैन ने हरिहर सिंह के दरवाजे के सामने पिलर गड़ा कर पुलिस की मदद से किला फ़तह कर लिया था। जहां एक ओर एन के जे के छत्रप यानि दरोगा नीरज दुबे जी अपनी इस काम्याबी से गदगद थे, वहीं दूसरी ओर हरिहर सिंह की खुशियों पर दरवाजे के सामने पिलर नाम का ग्रहण लग गया था। हालांकि हरिहर सिंह ने अभी भी हार नहीं मानी और जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से लेकर कलेक्टर महोदय के चौखट तक न्याय के लिए मत्था टेक डाला, लेकिन यहां भी उसे निराशा ही हाथ लगी। अंत में हार थक कर उसने अजाक थाने का दरवाजा खटखटाया जहां उसे अनुसूचित जाति का लाभ जरूर मिल गया। अजाक थाने से शिकायत मिलने के तुरंत बाद काम पर रोक लगा दिया गया। लेकिन इस पूरे घटना क्रम पर इकतरफ़ा कार्यवाही कहीं ना कहीं थाना प्रभारी के काम करने के तौर तरीकों पर सवाल जरूर खड़ी करती नजर आती है। अब यह देखना बेहद दिलचस्प होगा कि वजीरे-आला इस नए कारनामें पर क्या रूख अपनाते हैं। बैठाई गई जांच का कुछ फलसफा निकलेगा या ठंडे बस्ते में चली जायेगी ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।


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