1. भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे मिशन स्ट्रीट फॉर पीपल के अंतर्गत दीपोत्सव कार्यक्रम का आयोजन भंवरताल स्थित कल्चरल स्ट्रीट में कल किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्ट्रीट को लोगों के लिए ओपन करना था ताकि वे वहां जाकर अपना मनोरंजन, घूमना फिरना इत्यादि बिना भय के कर सके। इस कार्यक्रम के लिए इस बार कल्चरल स्ट्रीट जो कि भंवरताल के समीप स्थित है को चुना गया । यह स्ट्रीट सांस्कृतिक कार्यक्रमों को कराए जाने के उद्देश्य से ही स्मार्ट सिटी द्वारा बनाई गई है जहां पर दीपोत्सव कार्यक्रम कराया गया जिसमें विभिन्न संस्थानों के लोगों ने अपनी उपस्थिति दी, सभी संस्कृति समिति ने एक मत होकर स्मार्ट सिटी के साथ सहयोग की बात रखी, सब मिलकर जबलपुर को आगे बढ़ाने में मिलजुल कर आगे बढ़ाएंगे, स्कूल और कॉलेज के छात्र छात्राओं ने बढ़-चढ़कर रंगोली पेंटिंग एवं अन्य स्ट्रीट आर्ट प्रस्तुत किए, साथ ही स्मार्ट सिटी द्वारा बनाए हुए संस्कृति थिएटर में नाट्य लोक संस्था के द्वारा एवं अन्य कलाकारों के द्वारा प्रस्तुति दी गई इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में स्मार्ट सिटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनूप कुमार सिंह एवं स्मार्ट सिटी जबलपुर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी आशीष पाठक शामिल हुए । 2. शिवसेना प्रदेश प्रवक्ता कन्हैया तिवारी एवं शिवसेना जिलाध्यक्ष शैलेंद्र बारी के नेतृत्व में इस निरंकुश आदेश के खिलाफ प्रदर्शन कर ज्ञापन डिप्टी कलेक्टर दीपाश्री गुप्ता को सौंपा गया जिसमें कठोरता से मांग की गई यह आदेश वापस हो जाना चाहिए अन्यथा कल शिवसेना और पटाखा व्यापारी संघ द्वारा मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार एवं कलेक्टर महोदय के विरोध धरना प्रदर्शन किया जाएगा।शिवसेना ने कहा कि इसमें प्रशासन ने पहले ही कार्रवाई करना था अभी लोगों ने अपने घर की सामग्री गिरवी रखकर जैसे तैसे पैसा लगाकर उन्होंने यह दुकान खोली है इस आदेश को लेकर आम जनता विशेष कर हिंदुओं में एवं पटाखा व्यापारियों में भारी आक्रोश है यह आदेश वापस लिया जाए यदि आदेश वापस नहीं लिया जाता है तो शिव सेना एवं पटाखा व्यापारी धरना प्रदर्शन कर आक्रोश व्यक्त करेंगे। 3. मप्र हाईकोर्ट में दिसंबर के प्रथम सप्ताह से ट्रायल बेस पर नियमित सुनवाई शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। यदि सब कुछ ठीक रहा तो हाईकोर्ट में नियमित सुनवाई शुरू कर दी जाएगी। इसके साथ ही प्रदेश की जिला एवं तहसील न्यायालयों में नियमित सुनवाई शुरू करने के लिए जल्द ही प्रस्ताव पारित कर सर्कुलर जारी किया जाएगा। बुधवार को यह आश्वासन एक्टिंग चीफ जस्टिस संजय यादव ने स्टेट बार कौंसिल के प्रतिनिधि मंडल को दिया है। स्टेट बार कौंसिल के प्रतिनिधि मंडल ने बुधवार दोपहर एक्टिंग चीफ जस्टिस को बताया कि 23 मार्च 2020 से अभी तक प्रदेश की अदालतों में नियमित सुनवाई बंद है। केवल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अर्जेन्ट मामलों की सीमित सुनवाई हो रही है। इससे प्रदेश भर के वकील आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। इसको देखते हुए अदालतों में जल्द नियमित सुनवाई शुरू की जाए। प्रतिनिधि मंडल में स्टेट बार कौंसिल के सदस्य रामेश्वर नीखरा, मनीष दत्त, मनीष तिवारी, आरके सिंह सैनी, राधेलाल गुप्ता, मृगेन्द्र सिंह, अहादुल्ला उस्मानी और शैलेन्द्र वर्मा, प्रताप मेहता, हितोशी जय हार्डिया, नरेन्द्र कुमार जैन, अखंड प्रताप सिंह, राजेश कुमार व्यास, जय प्रकाश मिश्रा, रश्मि ऋतु जैन, प्रेम सिंह भदौरिया और राजेश कुमार पांडे शामिल थे। 4. भानतलैया क्षेत्र में कांग्रेस नेता गजेंद्र सोनकर उर्फ गज्जू के संरक्षण में चलने वाले फड़ के पकड़े जाने के बाद पुलिस ने कांग्रेस नेता के पिता बाबू नाटी सहित दो अन्य को फरार घोषित किया है और उनकी गिरफ्तारी के लिए 5-5 हजार का इनाम घोषित किया गया है। वहीं जब्त किए गये हथियार किससे लिए गये थे और कहाँ से आये थे इस संबंध में भी जानकारियाँ जुटाई जा रही हैं। सूत्रों के अनुसार बड़ा जुआ फड़ पकड़े जाने के बाद पुलिस द्वारा कांग्रेस नेता गजेंद्र सोनकर उसके भाई सोनू को गिरफ्तार किया गया था। यह जुआ दोनों भाईयों व पिता बाबू नाटी सोनकर के संरक्षण में संचालित होने का मामला दर्ज किया गया था लेकिन उस दौरान बाबू नाटी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी थी। रिमांड पर लिए गये कांग्रेस नेता व उसके भाई से पूछताछ के बाद कुछ अहम जानकारियाँ लगी हैं जिसके बाद पुलिस अब उनके पिता बाबू नाटी, उनके दत्तक पुत्र ओमकार उर्फ बबुआ व फड़ पर आने वाले बड़े जुआड़ी भैयालाल को भी इस मामले में अहम कड़ी मान रही है और उनके नाम प्रकरण में शामिल कर उनकी गिरफ्तारी के प्रयास में जुटी है। वहीं फरार मैनेजर रजनीश का अभी तक कोई सुराग नहीं लगा है। 5. कम वेतन हासिल करने वाले कर्मचारियों को दीपावली पर एडवांस की रकम मिल पाना मुमकिन नहीं लग रहा। मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि ऐसे तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जिनकी मासिक आय 40 हजार से कम है, उन्हें त्योहार अग्रिम के रूप में दस हजार रुपये दिए जाने के आदेश हैं। कर्मचारियों ने इसके लिए आवेदन तो कर दिए हैं, किन्तु बीसीओ (बजट नियंत्रक साफ्टवेयर) में बजट नहीं प्रदर्शित होने के कारण पेमेंट नहीं हो पा रहा। संघ ने जिला प्रशासन को वित्त मंत्री के नाम से ज्ञापन सौंपकर आवंटन उपलब्ध कराए जाने की माँग की है। ज्ञापन के दौरान संघ के अटल उपाध्याय आलोक अग्निहोत्री, दुर्गेश पाण्डे, ब्रजेश मिश्रा, सुधीर खरे, एआई मंसूरी ने अग्रिम का भुगतान निश्चित कराने की माँग की है। अधिकारी की लापरवाही से एडवांस से हो रहे वंचित- मप्र राज्य कर्मचारी संघ का आरोप है कि हिरन जल संसाधन संभाग जबलपुर के कार्यपालन यंत्री बिना किसी को कार्यभार सौंपे अवकाश पर हैं। इससे कर्मचारी त्योहार पूर्व के एडवांस से वंचित हो रहे हैं। 6. गधेरी के जंगल में उस वक्त अवैध कारोबारियों में भगदड़ मच गई, जब पुलिस की टीम ने घेराबंदी कर दबिश दी, पुलिस ने मौके से 20 ड्रमों में भरा 4 हजार लीटर लाहन नष्ट किया गया. पुलिस अधिकारियों की माने तो गधेरी के जंगल में भारी मात्रा में कच्ची शराब बनाई जा रही है, जिसपर पुलिस की टीम ने घेराबंदी करते हुए दबिश दी तो वहां पर कच्ची शराब बनाई जा रही है, जिसके लिए ड्रमों में लाहन भरकर रखा गया था, पुलिस ने ड्रमों में भरा लाहन नष्ट करते हुए कच्ची शराब बरामद कर ली, पुलिस की दबिश के बाद अवैध कारोबारी मौके से भागने में सफल हो गए थे. 7. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की प्रिसिंपल बैंच नई दिल्ली द्वारा पारित आदेश और राज्य शासन के गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार जबलपुर शहर में पटाखों के विक्रय और उपयोग पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया गया है. जिला दंडाधिकारी एवं कलेक्टर कर्मवीर शर्मा द्वारा इस बारे में आदेश जारी कर दिया गया है. आदेश तत्काल प्रभावी हो गया है तथा 30 नवंबर की मध्यरात्रि तक लागू रहेगा. पटाखों के विक्रय और उपयोग पर लगाया गया यह प्रतिबंध सम्पूर्ण नगर निगम सीमा क्षेत्र के साथ-साथ छावनी परिषद जबलपुर के क्षेत्रांतर्गत भी लागू होगा. इस आदेश के लेकर जबलपुर शहर के पटाखा व्यापारियों में आज दिन भर हडकंप का माहौल बना रहा। गोलबाजार के पटाखा व्यापारी अपनी मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुँचे। ज्ञापन सौंपने के दौरन सदमे में व्यापारी की तबियत बिगड़ी गई और उसे अस्पताल पहुंचाया गया। व्यपारियो ने नगरनिगम सीमा के अंतर्गत ही दुकान लगाने की मांग की है। 8. कोरोना काल के बाद ट्रेनों का संचालन एक बार फिर शुरू हो गया है। रेलवे धीरे-धीरे ट्रेनों की संख्या बढ़ाने जा रहा है। हालांकि सभी नियमित ट्रेनों को स्पेशल बना कर चलाया जा रहा है लेकिन अभी तक इस साल का नया टाइम टेबल लागू नहीं किया गया है। रेलवे का कहना है कि टाइम टेबल से जुड़ी सभी तैयारियां कर ली गई हैं लेकिन ट्रेनों की समीक्षा के बाद ही इसे लागू किया जाएगा।संभावना जताई जा रही है कि 1 दिसंबर तक रेलवे ट्रेनों का टाइम टेबल जारी कर सकता है जबकि हर साल 1 जुलाई को टाइम टेबल जारी होता था करुणा काल की वजह से इसे 1 अक्टूबर को जारी किया जाना था लेकिन नहीं किया गया। इस बार ट्रेनों के टाइम टेबल में कई बदलाव किए गए हैं। कहीं की समय अवधि को कम किया गया है। कई ट्रेनों के लंबे रूट को स्टॉपेज कम करके छोटा किया गया है। वहीं ऐसे कई स्टेशनों पर भी खत्म कर दिया गया है जहां पर जाती नहीं मिल रहे थे। 9. दीपावली पर दीपों की जगमगाहट की अनोखी खूबसूरती सभी को आकर्षित करती है। अमावस की काली रात में दीयों का सुनहरा प्रकाश संदेश देता है विपरीत परिस्थितियों का उत्साह से सामना करने का। दीया बताता है कि जीवन में चाहे कितना भी अंधियारा क्यों न हो उम्मीद और कोशिशें उजाला जरूर करती हैं। कोरोना महामारी के बाद की इस दीपावली पर ऐसे ही आशा की किरणों को जगाने के लिए बाजार सज गए हैं तरह-तरह के आकर्षक दीयों से। जिसमें टेराकोटा से बने डिजाइनर दीयों के बीच पारंपरिक मिट्टी के दीयों की डिमांड भी बनी हुई है। बाजार में मिट्टी व टेराकोटा के दीयों के साथ ही टेरोकोटा से बनी कई तरह की कलाकृतियां भी सभी को लुभा रही हैं। अपनी बेटी प्रिया के साथ मार्केट आईं माया सिन्हा ने बताया कि बेटी की जिद के कारण उन्होंने टेराकोटा के झूमर और दीए खरीदे हैं। घर को सजाने के लिए यह अच्छी कलाकृतियां हैं। टेराकोटा व मिट्टी के दीयों की कीमतों में जरूर बहुत अंतर होता है लेकिन फिर भी सजावट के लिए इन दीयों को ले लेते हैं। 10. कोरोना वायरस का फैलाव एक बार फिर बढ़ रहा है, बीते 3 दिन के आँकड़े तो यही इशारा कर रहे हैं। यह नवरात्रि, दशहरा पर दिखाई गई लापरवाही का नतीजा तो नहीं है। 23 अक्टूबर से शहर सहित पूरे जिले में कोरोना को भुलाते हुए बाजार, सड़कों की भीड़ देख इसके दुष्परिणाम भुगतने की आशंका थी, वह अब 15-16 दिन बाद सही होती दिख रही है।बीते 25 अक्टूबर को जिले में 53 नए मरीज मिले थे, उसके बाद 16 दिनों तक यह संख्या 50 तक नहीं पहुँची। यह बढ़ोत्तरी जिम्मेवारों की चिंता बढ़ाने लगी है। अनलॉक शुरू होने के बाद प्रशासन ने कोरोना से बचाव की गाइडलाइन का पालन कराने सख्ती दिखाई, लेकिन कुछ समय बाद ही जो ढिलाई हुई इसने लोगों को कोरोना से बे-फिक्र कर दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि लोगों ने मास्क-सोशल डिस्टेंसिंग जैसी अहम सावधानियों को दर किनार कर दिया जो अब असर दिखाने लगा है।