मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार किसानों से समर्थन मूल्य पर ख़रीदे गए अरबों रुपये के गेहूं को 400 रुपये प्रति कुंटल के घाटे में बेचने की तैयारी कर रही है। सिविल सप्लाइज कार्पोरेशन द्वारा गेहूं बेचने का टेंडर निकाला है। टेंडर के अनुसार 2019-20 में किसानों से 1840 रुपये क्विंटल में समर्थन मूल्य में खरीदे गए गेहूं का बेस प्राइज 1580 रुपये प्रति क्विंटल रखा गया है। टेंडर में नियम एवं शर्ते ऐसे डाली गई थी जिसमे ITC,ब्रिटानिया, कारगिल इंडिया,जनरल मिल्स जैसी मल्टीनेशनल कंपनी और धार की परख एग्रो और महू की एग्रो इंफ्रास्टक्चर ही तकनीकी बिड में सफल हो पायी है । टेंडर में 1 अरब के टर्नओवर और 7 दिनों के अंदर 90 प्रतिशत की राशि जमा करने जैसी शर्त रखी गई थी । टेंडर की शर्तो को देखकर सरकार की मंशा पहले ही साफ हो गई थी । मल्टीनेशनल कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए गेहूं की बेस प्राइज 1580 प्रति क्विंटल के आसपास ही रखी गई है । जबकि प्रदेश के व्यापारी इसी गेहूं को 1900 रुपये प्रति क्विंटल में खरीदने को तैयार है। प्रदेश के व्यापारी इस टेंडर का लगातार विरोध भी कर रहे है। व्यापारियों ने सरकार और विपक्ष को पत्र लिखकर घोटाले को रोकने की मांग की है। अभी निकले गए टेंडर में सरकार 2 लाख टन गेहूं बेच रही है। जिसमे सरकार को लगभग 45 करोड़ का नुकसान उठाना पड़ सकता है । सरकार ने इसको 1840 रुपये क्विंटल में खरीदा था और इसके बारदाने, परिवहन और भंडारण में लगभग 40 करोड़ का व्यय हुआ है। सूत्र बताते है कि लगभग 7 लाख टन गेहूं गोदामों में रखा है। सरकार अगले चरण में 5 लाख टन गेहूं बेचेगी। यानि सरकार को लगभग 150 करोड़ के आसपास का घाटा होगा। एक ओर FCI खुले बाजार में 2000 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गेहूं बेचेगा। फिर मध्यप्रदेश सरकार 400 रुपये प्रति क्विंटल के घाटे में गेहूं क्यों बेच रही है इसको लेकर चारों ओर से तीव्र प्रतिक्रिया आ रही है । व्यापारियों का कहना है कि गेहूं बेचने के लिए जो शर्ते बनाई गई है। उसमे बड़ी मल्टीनेशनल कंपनियों को कम दाम में गेहूं बेचकर करोड़ो रुपये का घोटाला किया जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष कमल नाथ ने भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। कमलनाथ ने कहा है कि सरकार द्वारा आपदा में अवसर तलाशे जा रहे है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस तरह के घोटालों पर चुप नहीं बैठेगी , कमल नाथ ने कहा कि प्रदेश के ख़ज़ाने को होने वाली करोड़ों की हानि और इस तरह के घोटाले कर चंद लोगों को फ़ायदा पहुँचाने के प्रयास को हम सफल नहीं होने देंगे।