इंदौर (ईएमएस)। मध्यप्रदेश की हाई प्रोफाइल महापौर सीट के नतीजे चौंकाने वाले भी हो सकते है। चुनाव प्रचार में कुछ दिन बचे है। जहा एक ओर कांग्रेस प्रतयाशी संजय शुक्ला ने 18 लाख 36 हजार वोटरों का आधा शहर नाप लिया है, वही भाजपा प्रत्याशी पुष्यमित्र भार्गव के चुनाव प्रचार में ज्यादा गर्माहट भी नहीं आई है। भाजपा के अंदर खानों की खबरों को माने तो भाजपा के बरिष्ट नेता कैलाश विजयवर्गीय ने खुले आम भाजपा प्रत्याशी पुष्य मित्र भार्गव के नाम का समर्थन किया, मगर अब वे जैसे अज्ञात वास पर चले गए हैं। इसी तरह न तो विधायक रमेश मेंदोला, महेंद्र हार्डिया, सिटिंग महापौर और विधायक मालिनी गौड़, पूर्व नगर अध्यक्ष और विधायक गोपी नीमा, वरिष्ठ नेतागण मधु वर्मा, आकाश विजयवर्गीय भाजपा उम्मीदवार पुष्य मित्र भार्गव के समर्थन में अभी तक सक्रिय नहीं हुए हैं। पूर्व स्पीकर सुमित्रा महाजन, तो वैसे ही अस्वस्थ रहती हैं। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यदि भार्गव के साथ कुछ अनहोनी होती है, तो पूरी भाजपा इसके लिए जिम्मेदार होगी। पुष्य मित्र के साथ एक दिक्कत यह भी है कि उन्हें प्रचार के लिए बहुत कम दिन ही मिले। अब उनके पास इतना समय ही नहीं है कि जीप से उतरकर मतदाताओं से मिल सकें। उन्हें इतना अकेला कर दिया गया है कि वे जिस विधान सभा क्षेत्र में जाते हैं वहां के विधायक उनके साथ थोड़ी देर के लिए हो जाते हैं ओर फिर वे अकेले पड़ जाते है।