क्षेत्रीय
22-Mar-2022

कटनी जिले के वजीरे आज़म यानी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के एक छत्रप यानी थानेदार के कारनामें जिस तरह से मशहूर हो रहे हैं, उससे चर्चाओं का बाजार गर्म है। हाल हीं में मारपीट की घटना हो या फ़िर मानवीय संवेदनाओं को तार तार करने की तमाम खबरें सुर्खियां बटोर रही हैं। ताजा मामला भी बेहद संगीन है जिसमें पुलिस की मानवता तार तार होती नजर आ रही है। मामला एन के जे थाना क्षेत्र के तिलक कॉलेज मोड़ का है, जहां एक घायल व्यक्ति सड़क पर घंटों तड़पता रहा लेकिन मौके पर मौजूद 100 डायल से उसे कोई मदद नही मिली । खास बात ये कि घायल और 100 डायल के बीच महज एक फलांग का भी फैसला नही था। आप खुद देखिए इस भयावह तस्वीर को जिसमें एक गभीर घायल बृद्ध सड़क पर तड़प रहा है और महज चंद कदमों की दूरी पर 100 डायल मौजूद है, लेकिन घायल को मदद नही पहुंचाई जा रही है। गनीमत तो ये रही कि इसी जगह से एक पत्रकार गुजर रहे थे, जिनकी संवेदना ने युवक को नई ज़िंदगी देने का काम किया। मौके पर पहुंचे पत्रकार ने पहले तो डायल हंड्रेड के कर्मचारी से मदद की गुहार लगवाई लेकिन वहां से मदद के लिए साफ़ इनकार कर दिया गया। जिसके बाद उन्होंने 108 एम्बुलेन्स के साथ साथ ईलाके के थानाप्रभारी नीरज दुबे से संपर्क किया, पहले तो साहब कॉल अटेण्ड नही कर पाए लेकिन थोड़ी हीं देर बाद महोदय ने कॉल बैक कर जानकारी ली । कुछ समय के बाद मौके पर 108 भी आ गई थी और साहब भी हाजिर हो गए जैसे हीं साहब मौके पर पहुंचे साहब के क्षेत्र की संजीवनी यानि 100 डायल मौके से फ़रार हो चुकी थी। बरहाल घायल को आनन फ़ानन में ईलाज के लिए जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से उसे जबलपुर रेफर किया गया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और घायल जिंदगी और मौत के खेल में हार गया। इस पूरे मामले में सबसे हैरान करने वाली बात ये है, 17 तारीख की रात को हुई इस घटना की कायमी पांच दिन बीतने के बाद भी नही हो पाई , पांच बाद जब इस बात की जानकारी थाना प्रभारी नीरज दुबे से ली गई तो उनके मुताबिक घायल की स्थिति की उन्हें कोई जानकारी नही है। उन्होंने ट्रक का नम्बर थाने में दे दिया है, ताकि ट्रक चालक के खिलाफ़ मामला दर्ज कर लिया जाए। लेकिन थाने में बैठे लोग साफ़ इन्कार कर रहें हैं कि उनके पास किसी ट्रक का नम्बर नही है। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि साहब के मातहत कर्मचारी उनके आदेश का किस हद तक पालन करते हैं। जाहिर सी बात है थाना चलाने के लिए एक बड़े अनुभव की जरूरत होती है जो शायद मौजूदा थाना प्रभारी के पास नही है। वरना मौके पर खड़ी डायल 100 की लापरवाही को लेकर अभी तक कोई ना कोई ठोस कार्यवाही की जानी चाहिए थी ॥ साथ हीं मौके पर लगे सी सी टीव्ही के फ़ुटेज भी खंखाले जा चुके होते, लेकिन अभी तक ऐसा कुछ हुआ नही है। कायदे से वजीरे आजम को अपने इस छत्रप को खास ट्रेनिंग देने की जरूरत है ताकि साहब को मानवीय मूल्यों की कीमत का अंदाजा हो सके।


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