आज से 14 वर्ष पूर्व परम पूज्य मुनि चिन्मय सागर जी महाराज जंगल वाले बाबा जब इंदौर के पास सिमरोल के जंगल में साधना कर रहे थे बडौदा ग्राम के ग्राम वासी जंगल में जाकर जंगल वाले बाबा के दर्शन करते थे और उनकी साधना से प्रभावित होकर उनसे अपने गांव चलने का निवेदन करते थे जंगल वाले बाबा उन सभी ग्राम वासियों से कहा अगर आप लोग पूरा ग्राम अंडा मछली मांस शराब का सेवन त्याग करेगा तो मैं आपके गांव आऊंगा तो सभी ग्रामवासियो ने मास मदिरा का त्याग कर दिया। जिसके बाद जंगल वाले बाबा 24 दिसंबर 2006 को बगोदा ग्राम पहुंचे थे। और बगोदा ग्राम के हर आदिवासी के घर में जंगल वाले बाबा के चरण पड़े थे। पूरे गांव को उन्होंने जंगली पौधों फूलों से सजाया था। हर वर्ष 24 दिसम्बर को जंगल वाले बाबा को याद कर ग्राम में महोत्सव मनाते है* उसी क्रम में जंगल वाले बाबा के चरण मंदिर में पूजा अभिषेक आरती कर भोजन वितरण किया गया। 24 दिसम्बर को नशामुक्ति कार्यक्रम मुनि श्री चिन्मय सागर जी जंगल वाले बाबा के सानिध्य में संपन्न हुआ और पूरे ग्राम ने नशा मुक्ति की सपथ ली ।