1 स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने शासन द्वारा विभिन्न स्वास्थ्य संबंधी जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही है। अस्पताल में निर्माण कार्य कर अतिरिक्त कक्ष निर्माण व मरम्मतीकरण कार्य किया जा रहा है। इसके अलावा उपकरणों की भी सुविधा की जा रही है। लेकिन जिला अस्पताल सहित सिविल अस्पताल व सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डॉक्टरों व वार्ड बॉय सहित स्वास्थ्य कर्मियों की कमी होने से मरीजों को पर्याप्त उपचार नहीं मिल पा रहा है। डॉक्टरों की कमी के चलते ओपीडी में भी निर्धारित समय तक डॉक्टर मौजूद नहीं रहते है जिससे मरीजों को कई बार बिना उपचार के बैरंग लौटना पड़ता है और मजबूरन में निजी क्लिनिकों में उपचार करना पड़ रहा है। 2 प्रदेश व केन्द्र सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों व निजीकरण के विरोध में देशव्यापी आव्हान पर पूरे देश में राष्ट्रीय बैंक व ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों द्वारा 26 नवम्बर को एक दिवसीय हड़ताल किया गया। बैंक कर्मचारियों के हड़ताल पर रहने से बैकिंग काम.काज पूरी तरह प्रभावित हुये जिससे ग्राहकों को भी परेशानी उठानी पड़ी। जिले में भी सभी बैंक के कर्मचारियों ने हड़ताल पर रहकर बैंक के सामने प्रदर्शन किया। इसी कड़ी में मध्यप्रदेश ग्रामीण बैंक के कर्मचारियों द्वारा सेन्ट्रल बैंक के सामने धरना प्रदर्शन किया गया। 3 अखिल भारतीय डाक कर्मचारी संघ द्वारा सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों सहित अन्य मांगों को लेकर जिला मुख्यालय में मुख्य डाकघर के समक्ष एक दिवसीय धरना आंदोलन किया गया।इस संबंध में संगठन के संभागीय सचिव सुनील पटले ने बताया कि सरकार की कर्मचारी विरोधी नीतियों के खिलाफ आज पूरे प्रदेश भर में एक दिवसीय आंदोलन किया जा रहा है। उन्होंने मांगों के संबंध में बताया कि पुरानी पेंशन बहाली होना चाहिये और नई पेंशन योजना बंद होना चाहिये। कर्मचारियों को जो अलाउंसेस मिल रहे थे पुराने उसमें कटौती नहीं होना चाहिये। 4 जहां एक ओर देश की 75ः आबादी कृषि पर निर्भर है, और देश का अन्नदाता किसान दिन रात मेहनत कर फसल उत्पादन करता है और उसकी तैयार फसल की प्राकृतिक व अप्राकृतिक तरीके से क्षति हो जाएं तो उसके परिवार पर क्या बीत ती है। ग्राम पंचायत निलजी के मरारीटोला में विगत 19 नवंबर को चंद्रकला मर्सकोले और गेंदा बाई भलावी के खेत में रखी धान की दो खराई मैं आग लगने का मामला अभी शांत हुआ ही नहीं था कि सप्ताह भर के भीतर ही निलजी के मरारी टोला में 26 नवंबर की शाम 4 बजे श्यामाबाई कारुलाल खरे की लगभग 3 एकड़ की धान की खराई में आग लग गई । 5 आदिवासी बाहुल्य बैहर क्षेत्र में स्थित उपजेल को स्वार्थी तत्वों ने मानवता की हत्या का प्रमुख अड्डा बना रखा है जेल की चारदीवारी के भीतर प्रतिदिन मानव अधिकारों की बलि चढाई जा रही है। बालाघाट के बैहर में मानवता की नृशंश हत्या का वीभत्स खेल लगभग ३ वर्षों से चल रहा है चीख चारदीवारी के भीतर ही दम तोड़ देती है । न्यायिक अभिरक्षा में रह रहे तमाम हवालाती यहां कमाई का जरिया हैं। उप जेलर बैहर नाग की कमाई हवालातियों की संख्या पर निर्भर करती है खाने से लेकर अन्य सुविधाओं में भारी कटौती कर नाग अपनी तिजोरियां भर रहें हैं जिन्हें रोकने की जहमत जवाबदार अधिकारी नहीं उठा रहे हैं औचक निरीक्षण आदि तो सिर्फ कागजों में होता है हवालातियों की सुध लेने का मात्र ढोंग होता है 6 10 राष्ट्रीय संगठनों द्वारा निजीकरण व श्रम कानून के खिलाफ 26 नवम्बर को सीटू के नेतृत्व में सीटू अंतर्गत आने वाले संगठनों के साथ मिलकर एक दिवसीय धरना आंदोलन किया गया। इस अवसर पर राष्ट्रपति के नाम मांगों को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच ज्ञापन सौंपा गया।इस संबंध में सीटू बताया गया कि केन्द्र सरकार द्वारा सार्वजनिक उपक्रमों का निजीकरण किया जा रहा है। श्रम विरोधी कानून बनाकर श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है। इसके पूर्व में इसके विरोध में सीटू यूनियन के द्वारा आंदोलन कर ज्ञापन सौंपा गया।