प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र मे उच्च शिक्षा वेंटिलेटर पर चल रही है। नसरुल्लागंज नगर के शासकीय महाविद्यालय मे 2800 से अधिक छात्र अध्ययनरत है। जिनका भविष्य अंधकार में दिखाई दे रहा है। क्योकि विद्यालय में यूसीजी के नियमो के तहत न तो कालेज मे बैठने की व्यवस्था है ओर न ही फर्नीचर वही कक्षाओं में पढने बाले व्याख्ताओ की भी भारी कमी है। कालेज मे 9 व्याख्या रेगुलर और 9 अतिथी विद्वान है जबकि UGC के नियम अनुसार 30 छात्रों पर 1 शिक्षक होना चाहिये। वही बीएससी, एमएससी के छात्रों के लिये प्रयोगशाला मे संसाधनो की भी कमी है जिसके चलते छात्रों को प्रायोगिक ज्ञान तक नही मिल पा रहा है। दुर्भाग्य कि बात है कि जिस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व प्रदेश के मुख्यमंत्री करते है उन्हीं की विधानसभा मे यह हाल है। 2800 छात्र छात्राओ पर मात्र 18 शिक्षक और 16 कमरों है। यानि 170 विद्यार्थियों पर एक विद्वान है ओर एक बेंच पर 8 छात्र कैसे बैठ सकते है। ऐसे परिस्थितियों में शिवराज का प्रज्वल बुदनी सिर्फ जुमला बनकर रहा गया है।