शहर के पॉलीटेकनिक कॉलेज चौक से मोक्षधाम जागपुर घाट तक सीमेन्टीकरण सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है जिसमें ठेकेदार द्वारा गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य करने को लेकर आप पार्टी पदाधिकारियों और स्थानीय रहवासियों ने विरोध जताते हुए सड़क निर्माण की जांच कर गुणवत्तापूर्ण रोड बनाने की मांग की है। स्थानीय रहवासियों कहा कि सड़क निर्माण में बेस मजबूत नहीं किया गया है और रोलर नहीं चलाया जा रहा है न ही पानी की तराई की जा रही है जिससे रोड पर गिट्टी निकल गई है और सड़क से वाहन गुजरने पर धूल उड़ती है और दुर्घटना भी हो रही है जिससे रहवासियों में आक्रोश पनप रहा है। उन्होंने कलेक्टर और नगर पालिका सीएमओ से मांग की है की सड़क निर्माण पर ध्यान देकर मापदंड के आधार पर निर्माण कार्य करने ठेकेदार को निर्देशित किया जाए नहीं तो उग्र आंदोलन करने बाध्य होना पड़ेगा। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव के अंतर्गत आज नामांकन भरने का अंतिम दिन था जहां बालाघाट मुख्यालय से २ किमी दूर ग्राम पंचायत बघोली जो मध्यप्रदेश शासन के आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे का गृह ग्राम है यहां पर सर्वसम्मति से महिला सरपंच एवं 15 महिला पंच आम सहमति से निर्वाचित हुए। वर्तमान समय यह उपलब्धि अर्जित करने वाली ग्राम बघोली पहली पंचायत बनी। महत्वपुर्ण बात है कि सभी सदस्य महिला होने के कारण यह ग्राम महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बनकर उभरा है। इस संबंध में मंत्री कावरे ने कहा कि हमने सभी लडऩे वाले प्रतिनिधि ग्राम के सम्मानित गणमान्य नागरिक एवं बुर्जुगों के साथ बैठकर विचार विर्मश किया। साथ सरपंच एवं सभी १५ पंच के पद महिलाओं को सौंपते हुए निर्विरोध निर्वाचन के साथ उन्हें कार्य करने का अवसर प्रदान किया गया। जानकारी के अनुसार निर्विरोध निर्वाचित होने वाले पंचायतों को राज्य सरकार प्रोत्साहन स्वरूप 15 लाख रूपये देने की बात कही गई। बालाघाट में पंचायत चुनाव को लेकर गांवों में सियासत गरमाने लगी है। अधूरे निर्माण को लेकर ग्रामीण जनों के बीच आक्रोश देखने को मिल रहा है। इसकी बानगी परसवाड़ा अंतर्गत ग्राम कुरेण्डा में रविवार को देखने को मिली। ग्रामीणों ने पिछले आठ महीने से अधूरे पड़े सड़क निर्माण को पूर्ण कराए जाने की मांग रखते हुए रोड नहीं तो वोट नहीं के नारों के साथ पोस्टर दीवारों पर लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि भले ही गांवों में योजनाओं के अंतर्गत विकास के दावे किए जा रहे है लेकिन धरातल पर कोई विकास काम नहीं हुए हैं। ऐसे कई गांव है जहां पर न तो सड़कें बनी है और न ही स्वीकृत राशि से काम हो पाए है। ग्रामीणों ने पंचायत कर्मचारियों के विरुद्ध अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए पंचायत चुनाव का सांकेतिक बहिष्कार करने की चेतावनी दी हैं।