क्षेत्रीय
29-Mar-2022

सहकारी समति की बेमियादी हड़ताल जारी, ऋण वसूली पर नहीं पड़ा वारासिवनी, लालबर्रा में रजिस्ट्री पर रोक, फिर भी कैसे हो रही रजिस्ट्री स्कूल में लगाए नलों में टोटियां हो गई गायब पानी हा रहा बर्बाद जिला सहकारी समितियों के कर्मचारियों द्वारा अपनी मांगों को लेकर २३ मार्च से बेमियादी हड़ताल की जा रही है जो मंगलवार को भी जारी रही। सहकारी समितियों के कर्मचारियों द्वारा हड़ताल पर जाने से सहकारी समितियों के माध्यम से वितरण होने पर खाद व राशन का कार्य प्रभावित हो रहा है। वहीं किसानों द्वारा लिया गया ऋण वसूली का कार्य भी प्रभावित होने की बात हड़तालियों द्वारा की जा रही थी। लेकिन वही दूसरी ओर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक के प्रभारी महाप्रबंधक ने चर्चा में बताया कि हड़ताल से ऋण वसूली का कार्य प्रभावित नहीं हुआ है और सहकारी बैंकों में कर्मचारियों द्वारा ऋण की वसूली का कार्य किया जा रहा है। प्रदेश के अनेक नगरों में अवैध कालोनी बनाने वाले कालोनाईजरों पर प्रशासन जहां एफआइआर दर्ज करवा रही है ठीक उसी तरह बालाघाट जिले की बात करे तो सबसे ज्यादा अवैध कालोनी का मकड़ाजाल वारासिवनी, लालबर्रा और किरनापुर क्षेत्र में बिना टीएनसीपी के प्लाटिंग कर अवैध कालोनी बनाने का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है जिस पर प्रशासन के द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही कालोनाईजरों पर नहीं कि जा रही है जिसकी वजह से उनके हौसले और भी बुलंद होते जा रहे है। हम बात कर रहे है वारासिवनी, लालबर्रा और किरनापुर क्षेत्र की जहां पर रजिस्ट्रार से लेकर पटवारी की मिली भगत होने की वजह से बेधड़ जमीनों के नक्शे काटने का काम जोरो से चल रहा है। जिस पर प्रशासन को कार्यवाही करना उचित होगा क्योंकि आखिर कब तक बालाघाट जिले में कालोनाईजरों का यह कारोबार कब तक पनपते रहेगा जिसमें भोले बाले जमीन खरीदी करने वाले लोग लगातार फंसते जा रहे है और प्लाटिंग करने वाले दलाल से लेकर रजिस्ट्रार और बाबू मलाई खाकर अपनी जेबे मोटी करने का काम कर रहे है। स्कूल की दीवारों में नही हुई पुताई खंडहर के जैसे प्रतीत हो रहे स्कूल भवन. पुताई हेतु अभी तक नही आई कोई राशी मामला तहसील मुख्यालय किरनापुर के अन्तर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मौदा के साशकीय विद्यालय का हैजहां लोक यांत्रिकी विभाग के द्वारा जल जीवन मिशन के अंतर्गत बच्चो के पेय जल हेतु नल कनेक्शन तो करवा दिया गया कितना अधिकारियों के उदाशीनता के चलते नलों में बन्द चालू करने के लिए टोटियां नही लगाई गईं ना ही गुणवत्ता पूर्ण प्लेट फार्म बनाया गया जिसके कारण अनुपयोगी साबित हो रहा है. बच्चो व शिक्षकों से जानकारी लेने पर बताया गया कि हाथ धुलने और पानी पीने के लिए हेडपंप का उपयोग किया जाता है. इसकी जानकारी संबंधित अधिकारियों को दे दिया गया पर अभी तक ठीक नही किया गया. वनों से आच्छादित बालाघाट जिले में जंगलों की सुरक्षा एवं रखरखाव के नाम पर भारी भरकम अमला तैनात है और जंगलों को आग से बचाने के लिये अग्रि सुरक्षा श्रमिकों की तैनाती के नाम पर भारी राशि भी मुहैया हो रही है बावजूद इसके गर्मी के मौसम में जिले का जंगल जल रहा है जिससे जंगलों में रह रहे जीव जंतु भी प्रभावित हो रहे है। यही नहीं जंगलों से सडक और पुलपुलियों का निर्माण कार्य करवा रहे है ठेकेदारों द्वारा बेश कीमती गौण खनिजों का बेतहाशा उत्खन्न कर उपयोग में लाया जा रहा है। जिससे जंगल पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड रहा है। इस तरह की स्थिति इस जिले के अधिकांश क्षेत्रों में बनी हुई है, किंतु दक्षिण सामान्य वन मंडल के उप वन मंडल लांजी सामान्य के पूर्व बैहर और पश्चिम बैहर वन परिक्षेत्र की अत्याधिक दयनीय स्थिति है। इसी प्रकार सोमवार को लौगूर के समीप और लामता वन परिक्षेत्र सामान्य के अंतर्गत परसवाड़ा और लामता मार्ग के जंगल धूंधूकर जल रहे हैं। वहीं निर्माण कार्य करवा रहे विभिन्न एजेंसियों के ठेकेदारों के द्वारा अवैध रूप से रेत, मुरूम, मिटटी और गिटटी का उत्खन्न कर उपयोग में ला रहे हैं और अमला मुक दर्शक बना हुआ है। जिससे यह प्रतीत हो रहा है कि अमले की मिली भगत है। देश को टीबी की बीमारी से वर्ष २०२५ तक मुक्त कराने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लक्ष्य निर्धारित किया है। जिसके लिये लोगों में जागरूकता लाने अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में २९ मार्च को मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया है। देश को टीबी से मुक्त कराने अभियान चलाया जा रहा है। इस संबंध मे जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. आशुतोष बांगरे ने बताया कि गत वर्ष २०२१ में ५००० टीबी के मरीजों को चिन्हांकित करने लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसमें २७०० मरीजों को चिन्हांकित किया था और इस वर्ष भी ५००० मरीजों को चिन्हांकित करने का लक्ष्य है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी के मरीजों के उपचार के लिए व्यापक सुविधा अस्पताल में की गई है।


खबरें और भी हैं