1. बालाघाट जिले की दक्षिण बैहर क्षेत्र के अंतर्गत अतिसंवेदनशील नक्सल प्रभावित क्षेत्र में इन दिनों सर्वर नही होने के कारण आदिवासियो को खाद्यान सामग्री मिल पा रही है जिससे आदिवासियो को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है। इसी तरह का एक जीता जागता मामला सोनगुड्डा, डाबरी, पितकोना, मोहनपुर सहित अन्य ग्रामीण अंचल का सामने आया है। जहां पर अभी तक प्रशासन के द्वारा किसी प्रकार से कोई कार्यवाही नही की जा रही है। जिसका खामियाजा आदिवासी बैगाओं को खाद्यान के लिए भटकना पड़ रहा है। जानकारी अनुसार दक्षिण बैहर के आदिवासी अंचलो की सोसायटियो मे विगत दिनो से सर्वर डाउन होने रहने के कारण आस पास के उपभोक्ताओं को राशन से वंचित रहना पड़ रहा है। वही दूसरी ओर सुबह १० बजे से ग्रामीणजन खाद्यान सामग्री लेने के लिए कतार में खड़े रहकर खााद्यान लेने का इंतजार करते तो है लेकिन सर्वर डाउन होने से उन्हे बिना खाद्यान के घर लौटना पड़ जाता है। 2. मध्यप्रदेश शासन के द्वारा बीपीएल, अंत्योदय कार्डधारियों को उचित मूल्य की दुकानों से एक रूपये किलों चांवल, गेंहू, नमक एवं 33 रूपये लीटर केरोसिन दिया जाता है किन्तु शासन के द्वारा राशन वितरण प्रणाली की काला बाजारी को रोकने के लिए फ्रिंगर प्रिंट के माध्यम से खाद्यान्न वितरण करने की प्रणाली चालू की गई है । किन्तु सर्वर नही चलने के कारण उक्त प्रणाली गरीब कार्डधारियों के लिए मुसीबत बन चुकी है और घंटो इंतेजार करने के बाद राशन मिल रहा है जिसके कारण उन्हे खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और उक्त परेशानी से लालबर्रा क्षेत्र के गरीब हितग्राहियों को जूझना पड़ रहा है। 3. उपतहसील लामता में शासकीय महाविद्यालय के लिए ११ एकड़ जमीन उपलब्ध होने के बाउजूद भवन निर्माण के लिए बजट नहीं मिल पा रहा है। बजट के अभाव में लामता शासकीय महाविद्यालय भवन अधर में है भवन नही बनने के कारण विधार्थियो को बैठने की असुविधा हो रहा है जिस कारण महाविद्यालय के छात्र छात्राये बैठक रूम न होने के कारण कक्षाये नही लग पा रहा है पिछले तीन वर्षो से भवन निर्माण के लिए बजट की मांग को लेकर कई पत्र लिखे जाने के बाद भी अभी तक बजट नहीं मिल सका।जिससे लामता महाविद्यालय अपने भवन में संचालित होने के लिए तरस रहा है। शासकीय महाविद्यालय लामता में ५०० छात्र छात्राऐ है जो कि महाविद्यालय भवन ना होने के कारण छात्र छात्राओ को परीक्षा में पेपर देने २५ से ३० किलोमीटर दूर परसवाड़ा जाना पड़ रहा है गरीब छात्र छात्राओं को पेपर देने बसों से सफर करना पड़ता है 4. बालाघाट (जबलपुर एक्सप्रेस)। नगर के वार्ड नंबर २७ प्रेमनगर निवासी ज्वेलर्स व्यापारी के सूने घर से अज्ञात चोरों ने २४ जनवरी की रात लाखों रूपये के जेवरात व नकदी चोरी कर ली। जिसकी शिकायत कोतवाली में प्रार्थी सुशील पिता मानकचंद सोनी ३७ वर्ष ने दी। पुलिस अज्ञात चोर के खिलाफ मामला कायम कर पतासाजी कर रही है। बताया गया कि पिता की तबियत खराब होने पर हैदराबाद अस्पताल में उपचार चल रहा है। जिससे २४ फरवरी की शाम घर में ताला लगाकर परिवार सहित पिता के घर पर सोने गया था। दूसरे दिन गुरूवार की सुबह करीब ६ बजे घर वापस लौटा तो देखा कि पीेछे का दरवाजा टूटा था और घर के अंदर आलमारी खुली और सामान बिखरा था और करीब ११,५०००० रूपये (साढ़े ग्यारह लाख रूपये) के सोने के जेवरात व १ लाख ५ हजार रूपये के चांदी के जेवरात एवं नकदी करीब १,६५००० रूपये की चोरी कर ली। 5. मुख्य वन संरक्षक, वनवृत्त बालाघाट नरेंद्र कुमार सनोडिया के निर्देशानुसार २४ फरवरी को मॉयल लिमिटेड भरवेली की जांच के दौरान मॉयल सीमा से लगभग ४०० मीटर के दायरे के क्षेत्र में विभिन्न स्थानों पर लगभग १५० बोरी तथा काफी मात्रा में ढेर बनाकर मैंगनीज अवैध रूप से छिपा कर रखा हुआ पाया गया। मॉयल सीमा से लगे बीट पायली के कक्ष क्रमांक-६६६ में विभिन्न स्थानों पर जी.आई. तार झाड़ियों के बीच में पड़ा हुआ पाया गया, जो मॉयल सीमा से लगभग ५०० मीटर की दूरी पर है। इस तार से अवैध शिकार होने की संभावना प्रतीत होती है। उड़नदस्ता वनवृत्त बालाघाट द्वारा प्राप्त मैंगनीज एवं तार की जप्ती की कार्यवाही कर परीक्षेत्र सहायक गांगुलपारा को सुपुर्द कर विधिवत कार्यवाही की गई है। 6. बालाघाट (जबलपुर एक्सप्रेस)। भरवेली थाना क्षेत्र के ग्राम टवेझरी निवासी ४० वर्षीय व्यक्ति को चार भालूओं ने हमला कर घायल कर दिया। घायल टवेझरी निवासी तिलकराम पिता परसराम राउत को उपचार के लिये जिला अस्पताल में भर्ती किया गया। घायल तिलकराम ने बताया कि गुरुवार की सुबह करीब ६ बजे गांव के समीप जंगल में जलाऊ लकड़ी के लिए गया था। इस दौरान चुडुरका नाला के पास अचानक ६ भालूओं का झुंड आया। जिसमें ४ भालूओं ने हमला कर घायल कर दिया। मेरे चिल्लाने पर भालू भाग गये। भालूओं ने सिर, पेट व दाहिने पैर के घुटने मे काट घायल किया। चिल्लाने की आवाज सुन मझारा निवासी जीवन नाम का व्यक्ति आया और मुझे उठा कर मॉयल अस्पताल भरवेली ले गया। जहां डॉक्टर ने प्राथमिक उपचार कर जिला अस्पताल रैफर किया। 7. लालबर्रा थाना क्षेत्र के ग्राम कलाकामथी निवासी लगभग ३५ वर्षीय सागर पटले नामक युवक का जला शव और पल्सर टू व्हीलर जली हुई अवस्था में बालाघाट के गांगुलपारा के समीप सडक किनारे से पुलिस ने बरामद किया। शव को बरामद कर मर्ग कायम कर जांच शुरू की है। जानकारी अनुसार बताया गया कि लालबर्रा के ग्रामक कलाकामथी निवासी सागर पटले अपने घर से दो दिन पहले बैहर जाने के लिए निकला था। जिसका शव गांगुलपारा के समीप सडक किनारे पड़ा हुआ था। मुखबिर की सूचना पर पुलिस घटना स्थल पर पहुचकर जला शव और जली हुई अवस्था मे पल्सर वाहन को जप्त किया। 8. तिरोड़ी-बालाघाट जिले के सांसद डॉ. ढालसिंह बिसेन का दिनांक २५ध्०२ध्२०२१ को सुबह लगभग ११.०० बजे तिरोड़ी आगमन हुआ जहां सामुदायिक भवन मे भारतीय जनता पार्टी के तिरोड़ी व कटंगी के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों से चर्चा की इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा जिसमे तिरोड़ी में औद्योगिक इकाई निर्माण करने जिससे कि तिरोड़ी और आस पास के युवाओं को रोजगार उपलब्ध हो सके साथ ही यहाँ आई टी पार्क बनवाने के लिए भी ज्ञापन सौंपा गया।इसके पश्चात दोपहर १२.३० बजे केंद्रीय विद्यालय के लिए शा.वि.की बिल्डिंग जहाँ वर्तमान में कॉलेज संचालित हो रहा है एवं ओएसिस प्राइवेट आई टी आई खानीटोला की बिल्डिंग का निरीक्षण किया एवं इस बारे मे कलेक्टर एव अधिकारियों से विचार विमर्श किया 9 शिक्षक को राष्ट्रनिर्माता कहा जाता है, लेकिन बीते दशकों में शिक्षकों की गरिमा और कर्त्तव्य को व्यवसायिकता और व्यवस्थाओं ने पलीता लगा दिया है, जिसके कारण विशेषकर शासकीय स्कूल का नाम आते ही लोगों के दिलो दिमाग में आता है, एक जीर्ण शीर्ण और बेकार सा स्कूल, जहां शिक्षक मनमर्जी से कभी स्कूल पहुंचेंगे, कभी नहीं, बच्चों के भविष्य की कोई चिंता नहीं होगी। इस तरह के खयालातों के कारण अधिकांश लोगों ने सक्षम परिस्थितियों में प्रायवेट स्कूलों में बच्चों को पढ़ाना अधिक पसंद किया। प्रायवेट स्कूलों के द्वारा बच्चों के सर्वांगीण विकास पर ध्यान देने की कोशिशें भी अलग दिखाई देती चली गई, जिसका परिणाम है कि शासकीय स्कूलों के शिक्षकों पर से पालकों का भरोसा उठता चला गया।हांलांकि शासकीय स्कूलों में विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ शिक्षकों की लापरवाही और प्रशासनिक कमजोरीयों के कारण एैसी छबी शासकीय स्कूलों की बनती चली गई, लेकिन एैसी स्थिति में भी कुछ शिक्षक एैसे हैं, जिनके प्रयासों के कारण शासकीय स्कूल प्रायवेट स्कूलों को भी मात दे रहे हैं 10. प्रदेश सरकार द्वारा स्कूली बच्चों को हर वर्ष दी जाने वाली दो जोड़ा गणवेश के सिलाई का कार्य आजीविका मिशन से जुड़े महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों को देने का निर्णय लिया गया है। यह निर्णय ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं के जीवन को नई दिशा देने में कामयाब हो रहा है। आजीविका मिशन के महिला समूहों को गणवेश सिलाई के काम से रोजगार मिलने के साथ ही उनमें नई आशाओं का संचार हुआ है। ऐसा ही कुछ ग्राम गोंगलई के देवी महिला ग्राम संगठन की महिलाओं के साथ हो रहा है।जिला मुख्यालय बालाघाट से जुडे ग्राम गोंगलाई में देवी महिला ग्राम संगठन गोंगलाई की २५ दीदियों के समूह द्वारा शासकीय स्कूलों के कक्षा पहली से आठवी तक के बच्चों की यूनीफार्म (गणवेश)सिलने का काम किया जा रहा है