1भरवेली मॉयल मे चाईना कोल न ३ सी सी कम्पनी को करारा झटका लगा है इसमें मॉयल कंपनी ने आदेश दिया है कि जब तक स्थानीय मजदूरों को काम पर वापिस नहीं लिया जायेगा तब तक चीनी कंपनी अपना काम नहीं कर सकेगी। गौरतलब है कि पिछले दिनों चीनी कंपनी ने ६२ मजदूरों को कोरोना बीमारी क ा बहाना बताकार काम से निकाल दिया था, जिसके बाद भोपाल से दिल्ली तक हडकंप मच गया था इसी के बाद मॉयल प्रबंधन ने आनन फानन में यह आदेश निकाला है। 2आपको बता दें कि चांगोटोला क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत कुकड़ा में प्रशासन द्वारा स्वीकृत रेत खदान का मामला दिन-ब-दिन गरमाते जा रहा है और प्रशासनिक अमला बेबस और लाचार नजर आ रहा है प्रशासनिक अमला ग्रामीणों को समझा समझा कर नतमस्तक हो चुका है परंतु ग्रामीणों की मांग है कि रेत से भरी भारी डंपर ग्राम की सीसी सड़क से पार न किया जाए एवं किसी बड़े हादसे को होने से सावधानी बरती जाए अन्यथा आगामी दिनों में हम उग्र आंदोलन हेतु मजबूर होंगे । 3खेल मंत्रालय भारत सरकार के तत्वधाम में कोरोना लॉकडाउन के बीच जिले भर में योग दिवस मनाया गया। इस दौरान जिला कलेक्टर दीपक आर्य ने परिवार के साथ घर पर ही योग किया वहीं सर्वशिक्षा अभियान के जिला परियोजना समन्वयक पी.के. अंगूरे अपने घर पर ही योग करते हुए नजर आये। वही जिले के दसों ब्लॉक में राष्ट्रिय स्वयं सेवको के नेत्वत में ग्रामीण युवाओं के साथ उचित दूरी का ध्यान रखकर बच्चे व बुर्जुग ने योग करते हुए संदेश दिया। 4शहर मुख्यालय की जनसंख्या ७० हजार के करीब है और इस शहर में होने वाली आपराधीक गतिविधियों पर पुलिस ने सत्त निगाहें बनाई रखी है, लेकिन यह एक शहर शांतिपूर्वक शहर है जिसके चलते शहर मुख्यालय में एक ही कोतवाली थाना है जिसमें ७० पुलिस कर्मी होना था, लेकिन ५७ पुलिस कर्मी अपनी सेवाऐ दे रहे है जिसमें थाना निरिक्षक के साथ-साथ महिला व पुरूष शहर में किसी प्रकार के वादविवाद, आपराधिक घटना न हो जिसके लिए वे देशभक्ति जनसेवा की कसम खाई उसका फर्ज निभाते हुए नजर आ रहे है। हालांकि ५७ पुलिस कर्मी शहर के लिए प्रर्याप्त माना जा रहा है। 5संभागीय प्रबन्धक के हिटलरशाही आदेश से लामता वन परिक्षेत्र कार्यालय में लगा ताला । लामता :-बालाघाट जिले में मध्यप्रदेश राज्य वन विकास निगम प्रोजेक्ट लामता के नाम से प्रचलित लामता वन परिक्षेत्र कार्यालय संभागीय प्रबन्धक के आदेश से आज दिनांक 19/6/2020 को प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी प्रफुल्ल मेश्राम ने ताला लगा कर कार्यालय को डिवीजन कार्यालय में समायोजन किया ।प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी ने कूटनीति चाल चलते हुये ,सभागीय अधिकारी बालाघाट के इर्द गिर्द में रहकर आज अपने वन परिक्षेत्र कार्यालय को बन्दकर ताला लगाया गया है जो कि यह कार्यालय सन 1970 में पदस्थापना हुआ था अनेको परिक्षेत्र अधिकारी इस कार्यालय में रहे परन्तु किसी भी अधिकारी ने कार्यालय को बंद करके डिवीजन में समायोजन नही किया ,कर्मचारी के अभाव में सन 2015-16 में यह कार्यालय बालाघाट में लगाया जा रहा था जिस पर एम डी भोपाल एवम मुख्यसचिव वन विभाग भोपाल के आदेश पर यह कार्यालय को आननफानन पुनः लामता लाया गया था इसके बावजूद वर्तमान प्रभारी परिक्षेत्र अधिकारी ने पुनः कार्यालय को ले जा लिया गया है ! 6भारतीय जनता युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष गजेंद्र भारद्वाज को 3 साल पूरे होने पर भारतीय जनता युवा मोर्चा के पदाधिकारियों ने उनका भव्य स्वागत कर जिला चिकित्सालय परिसर में गरीबों को बुलाओ वितरण कर खुशियां मनाई! इस दौरान उनके पदाधिकारियों ने बताया कि गजेंद्र गजेंद्र भारद्वाज ने भारतीय जनता युवा मोर्चा का पद 3 साल तक अपनी निष्ठावान और कर्तव्य वाहन के प्रति रहते हुए पार्टी की सेवा की है इसके तहत आज 3 साल पूर्ण होने पर उन्हें हार्दिक बधाई भी दी है! 7मानवीय दृष्टिकोण यह कहता है कि यदि कुछ लोग आपसे अनुरोध करते है कि उन्हें सरकार की आवास योजना के अंतर्गत मकान प्रदाय किया जाय तो आप ऐसे लोगों को चयनित करें जिसको वर्तमान में मकान की नितांत आवश्यकता है और जो वर्तमान में जीर्ण शीर्ण मकान में रहने को मजबूर हो। जिससे कि भविष्य में किसी तरह की घटित होने वाली घटना से बचा जा सके और उनको मकान की छत भी नसीब हो जाए। इसमें से कुछ लोग ऐसे भी है जो मकान नही होने के कारण किराये के मकान में रहने को मजबूर है। तो कुछ लोगों ने अपना आशियाना ही इस लिए उजाड़ दिया है क्योंकि उनसे कहा गया था कि सीघ्र ही उनको मकान मिलने वाला है। ऐसी परिस्थितियों में यह बड़ा गंभीर प्रश्न है कि ऐसे पात्र हितग्राहियों को अब किस आधार पर मकान का लाभ दिलवाया जाए। क्योंकि जब तक कोई एसईसी डाटा के सीरियल क्रमांक का इंतजार करेंगा तब तक काफी विलंब हो चुका होंगा। जनपद पंचायत खैरलांजी के ग्राम पंचायत खैरलांजी निवासी पार्वती बहेटवार और गुणवंता बाई लिल्हारे ने बताया कि उनके द्वारा सरपंच सचिव से लगातार निवेदन करने के बाद भी किसी तरह से आवास योजना का लाभ आज तक नही मिल पाया है। ऐसे में कोई कब तक किराये के मकान में जीवन यापन करे या फिर कोई कब तक ऐसे ही जीर्ण शीर्ण मकान में रहकर अपनी मौत को आमंत्रण दे..?? यह प्रश्न सबके सामने मुंह बाहे खड़ा है। जिसका जवाब सत्ता और प्रशासन में बैठें लोगों से जनता और वास्तविक हितग्राही पूछ रहे है 8ये कहानी है एक ऐसे युद्ध बंदी की जो की 1962 की जंग में गलती से भारत की सीमा में प्रवेश कर गया और फिर अगले सात सालो तक देश की अलग अलग जेलों में युद्ध बंदी की तरह रहा। आजाद हुआ तो उसने भारत को ही अपना घर बना लिया यही शादी हुई और यही रच बस गया। भारत की सरकार और यहां के लोगों ने भी उसे प्यार और सम्मान दोनों ही दिया। बॉर्डर पर तनाव है और उसकी पथराई आंखें जो की जंग देख चुकी है नहीं चाहती कि फिर दोनों देश आमने-सामने हो। वांग छी उर्फ राज बहादूर नाम का यह चीनी पूर्व सैनिक दुश्मन के साथ भी भारत की सहृदयता का एक बड़ा उदाहरण है। हाथ में चीनी पासपोर्ट लिए खड़ा या बुजुर्ग चीन की सेना का एक जांबाज सिपाही था जो सन 62 की लड़ाई का प्रत्यक्षदर्शी भी है। बालाघाट के तिरोड़ी में राजबहादुर के नाम से पहचाना जाने वाला या चीनी सैनिक जेल से आजाद होने के बाद बालाघाट के तिरोड़ी पहुंचा तो यहां उसने अपना घर बसाया और शादी भी की। परिवार में बच्चों के साथ जिंदगी सुकून से चल रही है। लेकिन इसे एक मलाल है मलाल इस बात का कि उसका अपना देश चीन और उसका अपना घर भारत आपस में फिर एक बार आमने सामने हैं। एक लड़ाई में अपने देश में परिवार को खोने के बाद ये चीनी सैनिक चाहता है। कि दोनों देशों की सरकारें आपस में बात कर मसले को सुलझा लें। जंग ना हो क्योंकि जंग किसी का भला नहीं करती।