क्षेत्रीय
13-May-2021

नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले को लेकर गुजरात पुलिस सिटी हास्पिटल के डायरेक्टर सरबजीत सिंह मोखा को ट्रांजिट रिमांड पर लेने के लिये शहर में डेरा डाल चुकी है। मोखा को एनएसए में जेल दाखिल कर दिया गया है पर गुजरात पुलिस के शहर में आने से मेट्रो हास्पिटल, लाइफ मेडिसिटी, जबलपुर हास्टिपटल सहित कुछ अन्य चर्चित अस्पतालों के अलावा दवा बाजार में कुछ दुकानों के संचालकों में बेचैनी देखी जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि भगवती ट्रेडर्स के संचालक ने और किन लोगों का नाम गुजरात पुलिस को बताया है। कुछ चर्चित अस्पतालों में मरीजों और उनके अटेंडरों की भीड़ कम करने का प्रयास भी किया जा रहा है। मुफ्ती-ए-आजम मप्र हजरत मौलाना मो. हामिद अहमद सिद्दीकी के अनुसार उन्तीस रमजानुल मुबारक को चाँद नजर नहीं आया और न ही कहीं से उन्तीस का चाँद देखे जाने की शहादते शरीआ मौसूल हुई। लिहाजा तीस के चाँद के मुताबिक 14 मई बरोज जुमा शुक्रवार को ईदुल फित्र है। ईद उल फितर को देखते हुए जबलपुर कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ओर एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने कोतवाली स्तिथ मुफ्ती-ए-आजम मध्यप्रदेश मौलाना मोहम्मद हामिद अहमद सिद्दीकी के घर सौजन्य मुलाकात की,इस दौरान ईद के पवित्र मौके पर जबलपुर सहित प्रदेश भर में मुस्लिम धर्म के अनुयायी लोग कोरोना को देखते हुए कोविड नियमो के साथ ईद की नमाज से लेकर मेल मुलाकात करे इस पर चर्चा की,साथ ही कलेक्टर ने रमजान के पवित्र माह के दौरान कोरोना की रोकथाम के लिये शासन-प्रशासन द्वारा लगाई गई पाबंदियों का नियमानुसार पालन करने पर मुस्लिम समाज के लोगों का आभार भी जताया है, मप्र हाईकोर्ट ने विगत 6 मई को जारी किए गए आदेश में आंशिक संशोधन किया है। इसके तहत अब ग्रीष्मकालीन अवकाश के दौरान जबलपुर मुख्यपीठ सहित इंदौर व ग्वालियर बेंच में अति आवश्यक मामले जिनमें रिट याचिकाएं, दीवानी और आपराधिक मामलों में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की जाएगी। इसके साथ ही शेष सप्ताहों में शुक्रवार को क्रिमनल अपीलों की सुनवाई की व्यवस्था की जाएगी, जिनमें स्पेशल बेंच क्रिमनल अपीलों की सुनवाई करेगी जिनमें 10 वर्ष से अधिक समय से जेल में सजा काट रहे बंदियों के मामलों की सुनवाई की जाएगी। इसके अलावा 6 मई का जारी आदेश यथावत रहेगा। उसमें कहा गया था प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी में जून से आयोजित परीक्षाओं के लिए आवेदन करने की तिथि 30 मई तय हुई। उच्च शिक्षा विभाग ने इसके आदेश जारी कर दिए है। कई यूनिवर्सिटी ने इसके बाद परीक्षा के आदेश भी जारी कर दिए है लेकिन रानी दुर्गावती यूनिवर्सिटी से इस मामले को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है। अधिकारी मामले पर चुप्पी साधे हुए है वहीं विद्यार्थी अपने सत्र को समय पर पूरा होने का इंतजार कर रहे हैं।ज्ञात हो कि उच्च शिक्षा विभाग ने इस संबंध में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के निर्देश पर 30 मई तक सभी स्नातक और स्नातकोत्तर परीक्षाओं के परीक्षा फार्म भरवाने की व्यवस्था दी है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल, एनजीटी ने अपने पूर्व आदेश में साफ किया था कि नर्मदा में शवों को बहाए जाने पर न केवल एफआइआर दर्ज की जाए बल्कि पर्यावरण जुर्माना भी वसूला जाए। चूंकि वर्तमान में नर्मदा किनारे कई जगहों पर कोरोना संक्रमित मृतकों के शव बहाए जाने की सूचना सामने आ रही है, अत: सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे व नयागांव, जबलपुर निवासी सामाजिक कार्यकर्ता रजत भार्गव ने उक्त सिलसिले में राज्य के मुख्य सचिव व प्रदूषण नियंत्रण मंडल को अधिवक्ता प्रभात यादव के माध्यम से अवमानना नोटिस भेजे हैं। बिजली विभाग की लेटलतीफी से कई उपभोक्ता इंदिरा गृह ज्योति योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं। इसकी वजह देरी से रीडिंग होना है। खपत का आंकड़ा देरी से रीडिंग होने पर बढ़ जाता है जिस वजह से उपभोक्ता योजना से बाहर हो जाते हैं। ऐसे में विभाग कंपनी के फार्मूले को लगाकार उपभोक्ता को योजना के लिए आपात्र घोषित कर देता है। उपभोक्ता बताते हैं कि महामारी के चलते रीडिंग लेट हुई। हालांकि गर्मियों में वैसे ही मीटर की खपत बढ़ जाती है। ऐसे में कई उपभोक्ता योजना के भीतर रहकर ही बिजली की खपत करने का प्रयास करते हैं। ऐसे में मीटर रीडिंग देरी से होने के कारण उनके मंसूबों पर पानी फिर रहा है। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई को लेकर कांग्रेस नेताओं ने टाउन हाल गांधी प्रतिमा के सामने एक दिवसीय धरना दिया। कांग्रेसियों ने इस दौरान कलेक्टर को संबोधित मांग पत्र भी सौंपा। कांग्रेस के पूर्व पार्षद दल की अगुवाई में गांधी प्रतिमा के सामने रेमडेसिविर इंजेक्शन, दवा, ऑक्सीजन की कालाबाजारी और अस्पतालों की लापरवाही के चलते कोरोना पीडि़तों की जो मौतें हुई हैं, उसके विरोध में धरना दिया। आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के इस घड़ी में कुछ अस्पताल और दलाल पैसों की भूख मिटाने के लिए कोरोना पीडि़त परिवारों को नकली दवा, इंजेक्शन और ऑक्सीजन बेचकर अपनी जेबे भर रहे हैं। जबलपुर के गैलेक्सी हॉस्पिटल में 22 अप्रैल की देर रात ऑक्सीजन समाप्त होने से हुई 5 मौतें अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से हुई थी। किरकिरी होने और सीएम दौरे से पहले उनकी नजर में गुडवर्क दिखाने के लिए जांच समिति ने 10 मई की देर रात अपना जांच प्रतिवेदन कलेक्टर को सौंप दिया। रिपोर्ट के बाद सीएमएचओ डॉक्टर रत्नेश कुररिया ने जिम्मेदार अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के आदेश दिए, लेकिर चार दिन बाद भी कार्रवाई नहीं हुई। यह बात तब है जबकि पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ तक इस विषय में ट्वीट कर चुके हैं। नकली रेमडेसिविर मामले में गिरफ्तार सिटी अस्पताल के डायरेक्टर सरबजीत मोखा को बचाने में पुलिस से लेकर प्रशासनिक तंत्र लगा है। इतने बड़े खुलासे और सीएम की तल्खी के बावजूद कुछ अधिकारी मोखा से यारी और वफादारी निभा रहे हैं। मोखा के खिलाफ एफआईआर से लेकर गिरफ्तारी और जाँच का जिम्मा फिर जेल भेजे जाने के घटनाक्रम पर गौर करें, तो पुलिस-प्रशासन की चालबाजी साफ नजर आ जाएगी। एसपी ने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में ट्रेनी आईपीएस रोहित काशवानी की अगुवाई में एसआईटी गठित की है, लेकिन मोखा को लेकर उनका सम्मान शर्मनाक है। जिस मोखा को सीएम नरपशु की संज्ञा देते हुए उसकी संपत्ति राजसात करने की तल्खी दिखा गए। उसे उनका ट्रेनी आईपीएस श्री- जी कहकर संबोधित कर रहा है।


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