क्षेत्रीय
16-Jun-2021

भोपाल (ईएमएस) - मध्यप्रदेश में पदस्थ आईएएस अफसरों का प्रदेश से भरोसा उठ गया है। सीनियर IAS के साथ ही अब जूनियर IAS प्रदेश से पलायन कर रहे है। प्रदेश से आईएएस अधिकारियों के मोहभंग का सबसे बड़ा कारण दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा राजनैतिक हस्तक्षेप है। ऐसा ही ताजा मामला सामने आया है 2014 बैच के युवा IAS अधिकारी लोकेश कुमार जांगिड़ का। लोकेश जांगिड़ का साढ़े चार साल की नौकरी में 8 बार ट्रांसफर हो चुका है। बार बार ट्रांसफर से प्रताड़ित आकर लोकेश जांगिड़ ने पारिवारिक कारणों का हवाला देकर केंद्र सरकार से महाराष्ट्र कैडर के लिए तीन साल की प्रतिनियुक्ति मांगी है। दरअसल लोकेश कुमार जांगिड़ की गिनती ईमानदार और तेजतर्रार IAS अधिकारी में की जाती है। लोकेश जहा भी पोस्टेट रहते है वह जनता के बीच एक अलग ही छाप छोड़ते है। लेकिन इस बार लोकेश अपने 40 दिन में हुए ट्रांसफर को लेकर मायूस हो गए और उन्होंने मध्यप्रदेश छोड़ने का मन बना लिया। लोकेश को सरकार ने कोरोना के नियंत्रण के लिए बड़वानी में अपर कलेक्टर के पद पर पोस्टेड किया था। इस दौरान लोकेश को कोरोना प्रभारी बनाया गया। लोकेश ने जिले में कोरोना को तो नियंत्रण कर लिया। इसके साथ ही वे वरिष्ठ अधिकारीयों द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार को भी नियंत्रित करने की भूल कर बैठे और यह भूल उनको भारी पड़ गई। नतीजा 40 रोज के अंदर उन्हें बापस भोपाल बुला लिया गया। सूत्रों की माने तो बड़वानी में कोरोना महामारी में उपकरणों की खरीदी में भारी हेरफेर हुआ था। 39 हजार के ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर 60 हजार में खरीदे गए। इसके साथ ही अन्य उपकरणों की खरीदी में भी करोड़ों का भ्रष्टाचार हुआ था। लोकेश ने चार्ज लेते ही भ्रष्टाचारियों पर लगाम लगा दी थी। लोकेश की कार्यप्रणाली सिस्टम के ही लोगों को रास नहीं आयी और उन्हें रातोरात हटा दिया गया। इस बीच IAS एसोसिएशन के सिगनल ग्रुप में हुई चैट वायरल होने से हड़कंप मच गया है। चैट में बड़वानी कलेक्टर पर सवाल उठाये गए है। फिलहाल इस पूरा मामला सामने आने के बाद सरकार की व्यवस्था पर सबाल उठाये जा रहे है।


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