क्षेत्रीय
23-Jan-2022

बालाघाट में डराने लगा कोरोना नगरपालिका प्रशासन मौन भाजपा नही कर रही वादे पूरे - राजमणि पटेल विगत माह से कोरोना संक्रमण के आंकड़ों में कुछ रफ्तार देखने को मिली है और इसी क्रम में बालाघाट में भी दिनों दिन कोरोना मरीजों के आंकड़े बढ़कर लोगों को डराने का काम कर रहे है। इसी क्रम में 22 जनवरी 2022 को प्राप्त रिपोर्ट में बालाघाट जिले के 49 मरीजों के सैंपल कोरोना पाजेटिव आये हैं शहर के विभिन्न गली-कुचों में अतिक्रमण का जाल बिछा हुआ है। जिस पर नपा प्रशासन के द्वारा किसी प्रकार की कार्यवाही नहीं कि जा रही है। जबकि नपा से महज २०० मी. की दूरी कालीपुतली चौक स्थित चुलबुल टी स्टॉल के समीप प्रतिदिन सड़क पर ही लोग वाहन खड़ा करके आवागमन बाधित करते है जिस पर प्रशासन को ध्यान देना उचित होगा। इस देश के गरीब व मजदूर एवं किसानों के हक अधिकार को सुरक्षित करने व उनके हक अधिकार एवं स्वाभिमान स मान की रक्षा करने गांव-गांव तक जाने चाय चौपाल चर्चा का कार्यक्रम कांग्रेस द्वारा चलाया जा रहा है। कांग्रेस के पदाधिकारी गांव-गांव में किसानों के बीच में जाकर सीधे बात कर रहे है। उक्त बातें म.प्र. कांग्रेस पिछड़ा वर्ग प्रदेश अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल ने बालाघाट प्रवास के दौरान नगर मु यालय स्थित सर्किट हाउस में रविवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में दी। शहर मु यालय स्थित पीजी कॉलेज समीप हनुमान मंदिर के पीछे नगर पालिका द्वारा बनाया गया १ करोड़ ३० लाख रुपये की लागत का नेताजी सुभाष चंद्र बोस शॉपिंग का पलेक्स का लोकार्पण नेताजी सुभाष चंद्र की जयंती के अवसर पर २३ जनवरी को किया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, म.प्र. शासन के आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे, बालाघाट सिवनी सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन प्रमुख रूप से उपस्थित रहे। नेताजी सुभाष चंद की जयंती पर भाजपा के युवाओं द्वारा रक्तदान भी किया गया। कोरोना महामारी संक्रमण ने एक बार फिर से पुरे देश को आगोश में ले ही लिया है। पिछले लॉकडाउन में कहीं लोगों को आॅक्सीजन की कमी खली, तो कहीं प्रशासन पर घोर लापरवाही का भी आरोप लगाया जा रहा है। लेकिन बढ़ती महामारी को लेकर नगर की जनता आज भी बेपरपवाह है। प्रतिबन्ध के बावजूद भी सार्वजनिक स्थानों पर बिना मास्क के भीड़ व झेलों खुमचों पर भर पेट नाश्ता करना लगातार जारी हैं। जबकि एक बार फिर कोराना का भयावह आकड़ा शहर से लेकर ग्रामीण अंचलो तक अपना पाँव पसार रहा है।


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