बुधनी के ऐतिहासिक नर्मदाघाट किनारे बुधनिघाट पूरे देश मे लकड़ी के खिलौने से प्रसिद्ध है यहां रहने बाले करीब 50 से 60 परिवार नवाबी शाशन से इस काम को करते आ रहे हैं जिंसमे उनकी 3 से 4 पीढियां निकल गई पहले जब लाइट भी नही हुआ करती थी तब इसे हाथ की कमानी से खींच कर किया जाता था लेकिन उस समय और अब के काम मे बदलाव हो गया अब मोटर द्वारा लकड़ी को घुमाया जाता है और ओजारों से उसे आकार दिया जाता है पहले लकड़ी की कटाई की जाती है फिर बनाई और फिर घर के अन्य सदस्यों द्वारा रंगीन कर फिर इन्हें रंग कर फिनिश किया जाता है और फिर छिदाई के साथ फिटिंग का काम ...इस पूरी प्रक्रिया में घर के सभी सदस्य सहयोग करते हैं तब इस काम को अंजाम दिया जाता है .।वर्षों से काम कर रहे ये विश्वकर्मा परिवार के लोग अब शाशन प्रशाशन से इस काम के प्रति अच्छी व्यवस्थाएं एवम सामान को सही विक्रय की व्यवस्थाएं चाह रहे हैं जिससे इस उद्योग की पहचान और अस्तित्व बचा रहे।