अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान के नियंत्रण और राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी के देश छोड़ने के बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने वहाँ के हालात पर टिप्पणी की है.चीन ने तालिबान के साथ दोस्ताना संबंध की बात कही है. उसने अफगानिस्तान में अपना दूतावास बंद नहीं किया है. चीन को उम्मीद है कि तालिबान बातचीत के जरिए एक खुली और समावेशी इस्लामी सरकार स्थापित करेगा.चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनियांग ने कहा है कि चीन अफ़ग़ानिस्तान के लोगों का अपने भाग्य और भविष्य का फ़ैसला करने के अधिकार का सम्मान करता है. उन्होंने कहा कि चीन अफ़ग़ानिस्तान के साथ दोस्ताना सहयोग विकसित करना चाहता है. वहीं पाकिस्तान ने भी कहा है कि वह समय आने पर तालिबान सरकार को अंतरराष्ट्रीय सहमति, जमीनी हकीकत और अपने देश के राष्ट्रीय हितों के अनुरूप मान्यता देगा। रूस भी तालिबान के संपर्क में है।